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3.1 KiB

तहरीरी अमल के बारे में अहम सवालात

जब ज़बान पहली दफ़ा लिखी जाती है तो, मुतर्जिम को यह फ़ैसला करना होगा के तमाम तहरीरी ज़बानों की कुछ ख़ुसूसियात की निशानदेही कैसे करें।

ये सवालात वसीअ तर बिरादरी को उन इब्तदाई फैसलों की समझ देंगे जिसे मुतर्जिम ने मक़ामी ज़बान को लिखने के लिए औक़ाफ़, हिज्जे और बाईबल में नाम लिखने के इलाकों में किया था। तर्जुमा टीम और बिरादरी को इस पर इत्तफ़ाक़ करना चाहिए के इसे किस तरह करें।

  • क्या आपकी ज़बान में बराह रास्त या इक्तबासी बयान को नुमायाँ करने का एक तरीक़ा है?
  • आयत नम्बर, इक्तबासी बयान और पुराने अहदनामे के हवालों की निशानदेही करने के लिए आपने क्या हिदायात पर अमल किया है? (क्या आप क़ौमी ज़बान के अन्दाज़ की पैरवी कर रहे हैं? आपने अपनी ज़बान के मुताबिक़ क्या तब्दीलियाँ इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया है?)

बाईबल में नाम लिखने के लिए आपने क्या हिदायात पर अमल किया है? क्या आप क़ौमी ज़बान बाईबल में लिखे नामों को इस्तेमाल करते हैं। क्या आपके पास आपकी अपनी ज़बान से हिदायत हैं के नामों का तलफ्फ़ुज़ किस तरह किया जाता है और अगर उन्हें मज़ीद उनवानात की ज़रुरत होती है? (क्या यह फ़ैसला बिरादरी के लिए क़ाबिल ए क़बूल रहा है?

  • क्या आपने अपनी ज़बान के हिज्जे के किसी क़वायद को नोट किया है जिसे आप दूसरों के साथ बाँटना चाहेंगे, जैसे जहाँ एक लफ्ज़ अपनी सूरत बदल देता है और दो अल्फ़ाज़ मुत्तहिद हो जाते हैं? (क्या ये क़वायद बिरादरी के लिए क़ाबिल ए क़बूल हैं?)