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फार्मों का मतलब तबदील

लफ़्ज़ी तर्जुमा को हदफ़ मतन में ज़रीया टेक्स्ट का फ़ार्म रखना. कुछ मुतर्जिम शायद ऐसा करना चाहते हैं क्योंकि, हमने दरस के मोडीयूल "फ़ार्म की एहमीयत" में देखा जैसा कि एक मतन के ज़रीया मतन के मअनी को मुतास्सिर करता है. ताहम, हमें ये ख़्याल रखना चाहिए कि मुख़्तलिफ़ सक़ाफ़्तों के लोगों को मुख़्तलिफ़ तरीक़े से फ़ार्म के मअनी समझते है | मुख़्तलिफ़ सक़ाफ़्तों में, एक ही शक्ल बहुत मुख़्तलिफ़ तरीक़े से समझा जा सकता है. लिहाज़ा असल शक्ल को बरक़रार रखने से तबदीली से मअनी की हिफ़ाज़त मुम्किन नहीं है. मअनी की हिफ़ाज़त करने का वाहिद तरीका  ये है कि असल शक्ल को एक नए शक्ल में तबदील करें जिसमें नई सक़ाफ़्त में इसी मअनी का इज़हार किया जा सकता है जैसा कि पुरानी सक़ाफ़्त में पुरानी सक़ाफ़्त थी.

मुख़्तलिफ़ ज़बानों के अलफ़ाज़ और जुमले के मुख़्तलिफ़ अहकामात का इस्तिमाल करते हैं

अगर आप अपने तर्जुमा में ज़रीया लफ़्ज आर्डर जारी रखे तो, ये समझने के लिए आपकी ज़बान बोलने वाले लोगों के लिए बहुत मुश्किल, और कभी कभी नामुमकिन हो जाएगा. आपको हदफ़ ज़बान के क़ुदरती लफ़्ज आर्डर का इस्तिमाल करना ज़रूरी है ताकि लोग टेक्स्ट के मअनी को समझ सकें.

मुख़्तलिफ़ ज़बानों में मुख़्तलिफ़ महाज़ और इज़हार इस्तिमाल करते हैं

हर ज़बान अपने महाज और दीगर अज़हा रात, जैसे अलफ़ाज़ या जज़बात की नुमाइंदगी करते हैं. इन चीज़ों के मअनी का इज़हार करने के लिए, आपको एक महाज़ या इज़हार का इंतिख़ाब करना ज़रूरी है जिसका मक़सद हदफ़ ज़बान में इसी मअनी का हामिल है, ना सिर्फ हर लफ़्ज का तर्जुमा. अगर आप सिर्फ हर लफ़्ज का तर्जुमा करते हैं तो, मुहासिरा या इज़हार का ग़लत मतलब होगा.

कुछ शराइत दूसरे सक़ाफ़्तों में मुतवाज़िन नहीं है

बाइबल में ऐसी चीज़ें मौजूद हैं जो अब तक मौजूद नहीं हैं, जैसे क़दीम वज़न (अस्टा दिया, क्यूबिट), पैसे (डरना रेस, सटटर) और इक़दामात (बाअज़, अफ़फ़ा). किताब में जानवरों की दुनिया के बाअज़ हिस्सों में मौजूद नहीं है (लोमड़ी, ऊन). बाअज़ सक़ाफ़्तों (बर्फ़, खतना) में दीगर अलफ़ाज़ नामालूम हैं. इन हालात में इन शराइत के लिए आसानी से अलफ़ाज़ को मुतबादिल करने के लिए मुम्किन नहीं है. मुतर्जिम असल मतलब से बातचीत करने का दूसरा रास्ता तलाश करना होगा

बाइबल को समझा गया था

सहीफ़ों की गवाही ये बताई जाती है कि उनका मतलब समझा जाता है. बाइबल तीन ज़बानों में लिखी जाती है क्योंकि ज़बान का इस्तिमाल ख़ुदा की मुख़्तलिफ़ ज़बानों में मुख़्तलिफ़ था. जब यहूदीयों ने जिलावतनी से वापिस आकर और इब्रानियों को मज़ीद याद नहीं किया तो, पादरी ने पुराने अह्दनामा की रीडिंगों को एबरीरी में भेजा ताकि वो समझ सकें (ना 8: 8) बाद में, जब नए अह्दनामा लिखा गया था, ये आम क्वाइन यूनानी में लिखा गया था, जिसकी ज़बान ये थी कि ज़्यादा-तर लोगों ने इस वक़्त इब्रानी या आरथवाई या यहां तक कि क्लासिकी यूनानी के बजाय उस वक़्त बात की, जो आम लोगों को समझने में मुश्किल हो .

ये और दीगर वजूहात ज़ाहिर करते हैं कि ख़ुदा चाहता है कि लोगों को इस का लफ़्ज समझ जाये. लिहाज़ा हम जानते हैं कि वो चाहता है कि हम बाइबल के मअनी का तर्जुमा करना चाहते हैं, ना ही फ़ार्म दुबारा पेश करें. सहीफों का मतलब फ़ार्म से ज़्यादा अहम है |