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तारीफ़

जुग़राफ़ियाई तर्जुमा, जहां तक मुम्किन हो, दुबारा माख़ज़ मतन की शक्ल में दुबारा कोशिश करने की कोशिश करें.

दूसरे नाम

लफ़्ज़ी तर्जुमा भी कहा जाता है:

  • फ़ार्म पर मबनी है
  •  लफ़्ज़ी के लिए लफ़्ज़ी
  • तरमीम शूदा लफ़्ज़ी

फ़ार्म पर मतलब

एक लफ़्ज़ी तर्जुमा ये है जिसका नतीजा हदफ़ के मतन में ज़रीया मतन की शक्ल की तख़लीक़ करने पर तवज्जा मर्कूज़ करता है, इस के नतीजे के तौर पर मअनी में तबदीली, या समझने के लिए मुश्किल है. एक लफ़्ज़ी तर्जुमा का एक इंतिहाई वर्ज़न तर्जुमा में नहीं होगा- उस के ज़रीया इसी हुरूफ़ और अलफ़ाज़ को ज़रीया ज़बान के तौर पर मिलेंगे. अगली क़रीबी मरहला हर लफ़्ज़ी को ज़रीया ज़बान में हदफ़ ज़बान से हदफ़ ज़बान से तबदील करने के लिए होगा ज़बानों के दरमयान ग्रामर में इख़तिलाफ़ात की वजह से, हदफ़ ज़बानी सामईन शायद इस किस्म के तर्जुमा को समझ नहीं सकेंगे. बाइबल के कुछ मित्र जमीन को ये यक़ीन है कि वो हदफ़ टेक्स्ट में ज़रीया टेक्स्ट का लफ़्ज़ी हुक्म रखना चाहीए और सिर्फ ज़रीया ज़बान के अलफ़ाज़ के लिए हदफ़ ज़बान के अलफ़ाज़ को मुतबादिल बनाना चाहीए. वो ग़लत तौर पर यक़ीन रखते हैं कि ये ज़रीया मतन के तौर पर ख़ुदा का कलाम है. लेकिन हक़ीक़त में ये किस्म का तर्जुमा लोगों को ख़ुदा के कलाम को समझने से रोकता है| ख़ुदा चाहता है कि लोगों को अपने कलाम को समझने के लिए , लिहाज़ा ये बाइबल के लिए और बाइबल का तर्जुमा करने के लिए ख़ुदा के लिए सबसे बड़ा एहतिराम ज़ाहिर करता है ताकि लोग समझ सके

लतीफ़ तर्जुमा की कमज़ोर

लफ़्ज़ी तर्जुमा में आम तौर पर मुंदरजा ज़ैल मसाइल हैं:

  • ग़ैर मुल्क अलफ़ाज़ जो हदफ़ सामईन की तरफ़ से समझ नहीं आती है
  •  लफ़्ज़ी आर्डर जो हदफ़ ज़बान में अजीब या अजीब है
  • मुहासिरा जो हदफ़ ज़बान में इस्तिमाल या समझ नहीं आती है
  •  हदफ़ की सक़ाफ़्त में मौजूद नहीं है कि इश्याय के नाम
  • कस्टमज़ की वज़ाहतें जो हदफ़ की सक़ाफ़्त में नहीं समझते है
  • पैराग्राफ़ जो हदफ़ ज़बान में कोई मंतक़ी कुनैक्शन नहीं है
  • कहानियां और वज़ाहतें जो हदफ़ ज़बान में नहीं समझते है
  •  मोतबर मालूमात को छोड़ दिया गया है जिसका मक़सद मअनी को समझने के लिए ज़रूरी है

लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा कब

गेट वे ज़बानी मवाद, जैसे युएलटी, का तर्जुमा करने के लिए लफ़्ज़ी तर्जुमा का वाहिद वक़्त है, दूसरी ज़बान मित्र जमीन की तरफ़ से इस्तिमाल किया जाएगा. युएलटी का मक़सद मुतर्जिम को ज़ाहिर करना है जो असल में है. यहां तक कि, यू उल्टी सख़्ती से लफ़्ज़ी नहीं है. ये एक तरमीम शूदा लफ़्ज़ी तर्जुमा है जो हदफ़ ज़बान ग्रामर का इस्तिमाल करती है लिहाज़ा क़ारईन उस को समझ सकते हैं (सबक़ देखें तरमीम शूदा लतीफ़ तर्जुमा)इस जगहों के लिए जहां युएलटी बाइबल में असल इज़हार का इस्तिमाल करता है इस को समझने के लिए मुश्किल हो सकता है, हमने तर्जुमा नोट को उनकी वज़ाहत की है