ur-deva_ta/checking/language-community-check/01.md

14 KiB

ज़बान बिरादरी जाँच

तर्जुमा टीम के एक टीम की हैसियत से मुसव्वदा तैयार करने और जाँचने के इक़दामात मुकम्मल करने और तर्जुमाकोर में जाँच अन्जाम देने के बाद, तर्जुमा हदफ़ ज़बान बिरादरी के ज़रिये जाँच के लिए तैयार है। बिरादरी तर्जुमा के पैग़ाम को वाज़े और क़ुदरती तौर पर हदफ़ ज़बान में इत्तिला करने में तर्जुमा टीम की मदद करेगी। ऐसा करने के लिए, तर्जुमा मजलिस लोगों को बिरादरी जाँच के अमल में तरबियत देने का इन्तखाब करेगी। ये वही लोग हो सकते हैं जो तर्जुमा कर रहे हैं।

ये लोग पूरे ज़बान बिरादरी में जायेंगे और तर्जुमे को ज़बान बिरादरी के अरकान के साथ जाँच करेंगे। बेहतरीन होगा अगर वो यह जाँच मुख्तलिफ़ क़िस्म के लोगों के साथ करें जिसमें, नौजवान, बूढ़े, मर्द और औरत, और ज़बान इलाक़े के मुख्तलिफ़ हिस्सों से बोलने वाले शामिल हों। यह तर्जुमे को हर एक के लिए क़ाबिल ए फ़हम बनाने में मदद करेगा।

तर्जुमे के क़ुदरती पन और वज़ाहत की जाँच के लिए, इसका माख़ज़ मतन के साथ मोवाज़ना करना मददगार नहीं है। बिरादरी के साथ होने वाली इन जाँचों के दौरान, किसी को भी माख़ज़ ज़बान बाईबल को नहीं देखना चाहिए। माख़ज़ ज़बान बाईबल को लोग दोबारा दूसरे जाँच के लिए देखेंगे, जैसा के दुरुस्तगी के लिए, लेकिन इन जाँचों के दौरान नहीं।

क़ुदरती पन की जाँच के लिए, आप तर्जुमे का एक हिस्सा ज़बान बिरादरी के लोगों को पढ़ेंगे या रिकॉर्डिंग बजायेंगे। आप तर्जुमे को पढ़ने या बजाने से पहले, सुनने वाले लोगों को बताएँ के आप चाहते है के वो आपको रोकें अगर वो कुछ ऐसा सुनते हैं जो उनकी ज़बान में क़ुदरती नहीं है। (तर्जुमे को क़ुदरतीपन के लिए किस तरह जाँच करें इस पर मज़ीद मालूमात के लिए, देखें क़ुदरती तर्जुमा.) जब वो आपको रोकें, पूछें के क्या क़ुदरती नहीं था, और पूछें के वो इसे और ज़ियादा क़ुदरती तरीक़े से किस तरह कहेंगे। उनके जवाब को लिखें या रिकॉर्ड करें, बाब और आयत के साथ जहाँ यह जुमला था, ताके तर्जुमा टीम जुमले को तर्जुमे में इस तरीक़े से कहने पर गौर कर सके।

तर्जुमे की वज़ाहत की जाँच के लिए, हर खुली बाईबल की कहानी और बाईबल के हर बाब के लिए सवालात और जवाबत का मजमुआ मौज़ूद है जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हैं। जब ज़बान बिरादरी के अरकान सवालात का आसानी से जवाब दे सकते हों, आप जानेंगे के तर्जुमा वाज़े है। (सवालात के लिए देखें http://ufw.io/tq/).

इन सवालात के इस्तेमाल के लिए इन इक़दामात की पैरवी करें:

  1. तर्जुमे के क़तआ को ज़बान बिरादरी के एक या ज़ियादा अरकान के लिए जो सवालात का जवाब देंगे पढ़ें या बजाएँ। ज़बान बिरादरी के ये अरकान लाज़मी तौर पर वह लोग होने चाहिए जो पहले तर्जुमे में शामिल नहीं हुए हैं। दूसरे अल्फ़ाज़ में, बिरादरी के वो अरकान जिनसे सवालात पूछा जाता है उन्हें पहले से उन सवालात के जवाबत नहीं मालूम होने चाहिए तर्जुमे पर काम करने के ज़रिये या बाईबल के पिछले इल्म से। हम चाहते हैं के वो इन सवालात के जवाब सिर्फ़ कहानी या बाईबल के क़तआ को सुनने या पढ़ने के ज़रिये देने के क़ाबिल हों। इस तरह से हम जानेंगे के तर्जुमा वाज़े तौर पर इत्तिला दे रहा है या नहीं। इसी वजह से, यह अहम है के बिरादरी के अरकान इन सवालात के जवाब देने के दौरान किसी बाईबल को ना देखें।

  2. बिरादरी के अरकान से उस क़तआ के लिए कुछ सवालात पूछें, एक वक़्त में एक सवाल। हर कहानी या बाब के लिए सारे सवालात का इस्तेमाल करना ज़रूरी नहीं है अगर ऐसा लगता है के बिरादरी के अरकान तर्जुमे को अच्छी तरह समझ रहे हैं।

  3. हर सवाल के बाद, ज़बान बिरादरी का एक रुकन सवाल का जवाब देगा। अगर वह शख्स सिर्फ़ “हाँ” या “ना” में जवाब देता है तब साएल को मज़ीद सवाल करने चाहिए ताके उसे यक़ीन हो सके के तर्जुमा अच्छी तरह इत्तिला दे रहा है। एक और सवाल कुछ ऐसा हो सकता है, “आप इसे कैसे जानते हैं?” या “तर्जुमा का कौन सा हिस्सा आपको यह बताता है?”

  4. वह शख्स जो जवाब देता है उसे लिखें या रिकॉर्ड करें, बाब और बाईबल की आयत या जिस खुली बाईबल कहानी की बाबत आप बात कर रहे हैं उस कहानी और फ्रेम नंबर के साथ। अगर उस शख्स का जवाब उस तजवीज़ करदा जवाब से मिलता जुलता है जो सवाल के लिए फ़राहम किया गया है, फिर तर्जुमा उस वक़्त पर वाज़े तौर पर सहीह मालूमात को इत्तिला कर रहा है। जवाब को सहीह होने के लिए तजवीज़ करदा जवाब की तरह बिल्कुल यकसां होना जरूरी नहीं है, लेकिन बुनियादी तौर पर इसे एक ही मालूमात देना चाहिए। बाज़ औक़ात तजवीज़ करदा जवाब काफी तवील होते हैं। अगर वह शख्स तजवीज़ करदा जवाब के सिर्फ़ हिस्से के साथ जवाब देता है, वह भी सहीह जवाब है।

  5. अगर जवाब ग़ैर मुतवाक्को है या तजवीज़ करदा जवाब से काफी मुख्तलिफ़ है, या अगर वह शख्स सवाल का जवाब नहीं दे सकता, फिर तर्जुमा टीम को तर्जुमे के उस हिस्से की नज़रसानी करने की ज़रुरत होगी जो मालूमात को इत्तिला देता है ताके यह मालूमात को ज़ियादा वाज़े तौर पर इत्तिला दे।

  6. ज़बान बिरादरी के मुतद्दद अफ़राद से एक जैसे सवालात ज़रूर पूछें, जिसमे मर्द और औरत और नौजवान और बूढ़े, अगर मुमकिन हो तो, ज़बान बिरादरी के मुख्तलिफ़ इलाकों के लोग भी शामिल हों। अगर कई लोगों को एक ही सवाल का जवाब देना मुश्किल होता है तब वहाँ तर्जुमे के उस हिस्से के साथ शायद कोई मसअला है। लोगों को जो परेशानी और ग़लत फ़हमी है उसका एक नोट बनाएँ, ताके तर्जुमा टीम तर्जुमे की नज़रसानी कर सके और इसे ज़ियादा वाज़े बना सके।

  7. जब तर्जुमा टीम तर्जुमे के एक क़तआ की नज़रसानी कर ले, तब उस क़तआ के लिए उसी सवाल को ज़बान बिरादरी के कुछ दूसरे अरकान से पूछें, यानी, ज़बान के दूसरे बोलने वालों से पूछें जो उसी क़तआ की जाँच में पहले शामिल नहीं हुए। अगर वो सवालात का सहीह तौर पर जवाब देते हैं, फिर उस क़तआ का तर्जुमा अब अच्छी तरह इत्तिला दे रहा है।

  8. इस अमल को हर कहानी या बाईबल बाब के साथ दोहरायें जब तक के ज़बान बिरादरी के अरकान सवालात का अच्छी तरह जवाब न दे सकें, यह ज़ाहिर करता है के तर्जुमा सहीह मालूमात को वाज़े तौर पर इत्तिला दे रहा है। जब ज़बान बिरादरी के वो अरकान जिन्होंने तर्जुमे को पहले नहीं सुना सवालात का जवाब सहीह तौर से दे सकें, तर्जुमा कलीसिया रहनुमा के दुरुस्तगी जाँच के लिए तैयार है।

बिरादरी तशख़ीस सफ़ह पर जाएँ और वहाँ सवालात का जवाब दें। (देखें ज़बान बिरादरी तशख़ीस सवालात)

तर्जुमे को वाज़े बनाने की बाबत मज़ीद मालूमात के लिए, देखें वाज़े. तर्जुमा सवालात के अलावा और भी तरीक़े हैं जिन्हें आप बिरादरी के साथ तर्जुमे की जाँच के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दीगर तरीक़ों के लिए, देखें दीगर तरीक़े.