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वज़ाहत

जवाबदेही

बाईबल तारीख़ी (पूरी तारीख़ में) और आफ़ाक़ी (पूरी दुनिया में) कलीसिया से ताल्लुक़ रखती है। कलीसिया का हर हिस्सा कलीसिया के दूसरे हिस्से के सामने जवाबदेह है, इसमें के हम बाईबल जो कहती है उसका किस तरह तर्जुमा करते, ऐलान करते और ज़िन्दगी गुज़ारते हैं। बाईबल के तर्जुमे के सिलसिले में, दुनिया की हर ज़बान का उन मानी का इज़हार करने का अपना एक तरीक़ा होगा जो बाईबल में है। इसके बावजूद, कलीसिया का वह हिस्सा जो हर ज़बान बोलता है कलीसिया के दूसरे हिस्सों के सामने जवाबदेह होता है के वह उस मानी को किस तरह ज़ाहिर करते हैं। इसी वजह से, जो लोग बाईबल का तर्जुमा करते हैं उन को यह ज़रूर मुतालआ करना चाहिए के दूसरों ने उसका तर्जुमा किस तरह किया है। लाज़िम है के उनकी रहनुमाई की जाए और इस्लाह के लिए खुले रहें उन दूसरों के ज़रिये जो बाईबल की ज़बानों में माहिर हैं और किस तरह कलीसिया ने तारीख के ज़रिये बाईबल को समझा है और इसकी तर्जुमानी की है।

इख्तियार और सलाहियत

ऊपर ज़िक्र किये गये समझ के साथ, हम भी यह तस्दीक़ करते है के कलीसिया जो हर ज़बान बोलती है उसे ख़ुद फ़ैसला करने का इख्तियार हासिल है के उनकी ज़बान में बाईबल की अच्छी मयार का तर्जुमा क्या है और क्या नहीं है। बाईबल तर्जुमे को जाँच करने और मंज़ूरी देने का इख्तियार (जो मुश्तक़िल है) सलाहियत से अलग है, या बाईबल तर्जुमे को जाँचने के अमल को अंजाम देने की क़ाबिलियत (जिसमे इज़ाफ़ा किया जा सकता है)। बाईबल तर्जुमे के मयार को तय करने का इख्तियार उस कलीसिया से ताल्लुक़ रखता है जो तर्जुमे की ज़बान बोलती है, और उनकी मौजूदा क़ाबिलियत, तजुर्बे, या वसाएल तक रसाई से आज़ाद है जो बाईबल के तर्जुमे की जाँच में सहूलियत पैदा करते हैं। लिहाज़ा जब किसी ज़बान के गिरोह में कलीसिया को यह इख्तियार हासिल है के वह ख़ुद ही बाईबल के अपने तर्जुमे की जाँच और मंज़ूरी से सके, अफ़शाएकलाम टूल्स जिसमे तर्जुमाअकादमी के ये मॉड्यूल्स शामिल हैं, यह यक़ीनी बनाने के लिए तजवीज़ किये गये हैं के हर कलीसिया में भी एक बेहतरीन अमल इस्तेमाल करके अपने बाईबल के तर्जुमे के मयार को जाँचने की सलाहियत मौज़ूद हो। यह टूल्स हर ज़बान गिरोह में कलीसिया को बाईबल के बारे में कुछ जो बाईबल के माहिरीन ने कहा है और कलीसिया के दूसरे हिस्सों में इसका दूसरी ज़बानों में तर्जुमा किस तरह किया गया है उन तक रसाई हासिल करने के लिए तैयार किये गए हैं।

तर्जुमे की जाँच के अमल को इस जाँच दस्ती के बाक़ी हिस्से में बयान किया जायेगा।