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फटकना, फटकता, फटका, फटकेगा, फटके, छानना

ता’अर्रुफ़:

“फटकना” और “फटके” या’नी अनाज को भूसी से अलग करना। किताब-ए-मुक़द्दस में ये दोनों लफ़्ज़ों का इस्तेमाल तम्सीली शक्ल में भी किया जाता है, इन्सानों को अलग करने और उनको तक़सीम करने में।

“फटकना” भी ग़ैर ज़रूरी भूसी को अनाज से अलग करना है अनाज में मिली भूसी को हवा में उड़ाया जाता था कि हवा भूसी को उड़ाकर अनाज से अलग कर दे।

  • “फटके” उस गेहूँ को जो हवा में उड़ाकर भूसी से अलग किया गया है एक छलनी में फटका जाता था कि उसमें से मिट्टी और कंकड़ अलग किये जाएं।
  • पुराने ‘अहद नामे में फटकना और हवा में उड़ना जुमलों का तम्सीली इस्तेमाल किया गया है जिसका बयान रास्तबाज़ों को नारास्तों से अलग करने वाली मुश्किलों से है।
  • एक बार ‘ईसा ने भी “फटके” लफ़्ज़ का ‘अलामती इस्ते’माल किया है जब वह शम’उन पतरस से कह रहा था कि वह और दीगर शागिर्द अपने ईमान में कैसे परखे जायेंगे।
  • इन लफ़्ज़ों का तर्जुमा करने के लिए, मक़सदी ज़बान में उन लफ़्ज़ों या जुमलों का इस्ते’माल करें जो इन हरकतों का हवाला हो; मुमकिन तर्जुमा "हिलाना" या "हवा करना" हो सकता हैं। अगर सूप या छानना नहीं जानते हैं, तो उन लफ़्ज़ों का तर्जुमा दुसरे लफ़्ज़ के ज़रिए’ किया जा सकता है जो अनाज से भूसी या गंदगी को अलग करने, या इस काम का बयान करने का एक अलग तरीक़े का हवाला देता हो।

(यह भी देखें: अनजान लफ़्ज़ों का तर्जुमा कैसे करें)

(यह भी देखें: भूसी, अनाज )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H2219, H5128, H5130, G4425, G4617