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2.2 KiB

दाख़लता, दाख़लताओं

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़"बेल" एक पेड़ का हवाला देता है है जो जमीन के साथ बांधते हुए या पेड़ों और और बनावटों पर चढ़ने से बढ़ता है। किताब-ए-मुक़द्दस में “दाख़लता” लफ़्ज़ केवल फल लानेवाली डाली के लिए काम में लिया गया है और ज़्यादा तर दाख़लता के लिए काम में लिया गया है।

  • किताब-ए-मुक़द्दस में "दाख़लता" ज़्यादा तर “अंगूर की बेल” के बारे में काम में लिया गया है।
  • अंगूर की डालियाँ ख़ास तने से जुड़ी होती हैं जो उन्हें पानी और कुछ गिज़ाई चीज़े देती हैं ताकि वे बढ़ सकें।
  • ‘ईसा ने ख़ुद को “दाखलता” और ईमानदारों को “डालियाँ” कहा है। यहाँ “दाख़लता” का तर्जुमा हो सकता है “दाख़लता की डाली” या “टहनी ” (देखें: मिसाल

(यह भी देखें: अंगूर, दाख की बारी)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H5139, H1612, H8321, G288, G290, G1009, G1092