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5.1 KiB

सुकून , पुर सुकून , पुर अमन , सुकून के लायक़ , सुलह कराने वाले

ता’अर्रुफ़:

“सुकून ” लफ़्ज़ वह हालात हैं जब किसी भी तरह का झगड़ा या फ़िक्र या खौफ़ न हो। “पुर सुकून ” इन्सान सुकून को महसूस करता है और उसे हिफ़ाज़त का यक़ीन होता है।

  • “सुकून” उस वक़्त को भी दिखाता है जब कौमें और मुल्क आपस में जंग नहीं करते हैं। इन लोगों के “पुर सुकून रिश्ते ” कहलाते हैं।
  • किसी इन्सान का क़बीले के साथ “सुलह क़ायम ” को करने का मतलब है जंग रोकने की कोशिश करना।
  • “सुकून बनाने वाला” वह इन्सान है जो इन्सान को हमेशा सुलह में रहने के लिए काम करता है या असर करने वाली बातें करता है।
  • इन्सान के साथ “सुकून बनाए रखने” का मतलब है उनके साथ जंग नहीं करने की हालत में रहना।
  • ख़ुदा और इन्सानों में अच्छे और सही रिश्ते तब पैदा होते हैं जब ख़ुदा इन्सानों को गुनाहों से बचा लेता है। इसे " ख़ुदा के साथ मेल" कहते हैं।
  • “फ़ज़ल और सुकून” का इस्तकबाल रसूल अपने ख़तों में ईमानदारों को दु’आ की शक्ल में लिखते थे।
  • “सुकून” लफ़्ज़ का बयान इन्सानों के साथ या ख़ुदा के साथ सही रिश्ते में रहने से भी है।

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 15:06 ख़ुदा ने इस्राईलियों को हुक्म दिया था ,कि वह कना’न में लोगों के किसी भी झुण्ड के साथ समझौता __सुलह __ क़ायम न करे,
  • __15:12__तब ख़ुदा ने इस्राईलियों को सारी हदों के साथ __ अमन __ अता’ किया
  • __16:03__तब ख़ुदा ने एक नजात दहिन्दा ‘अता किया, जिन्होंने उन्हें अपने दुश्मनों से बचाया और मुल्क में __ अमन __ लाया
  • 21:13 वह और लोगों के गुनाहों की वजह से मारा जाएगा। उसको सज़ा होने से ख़ुदा और लोगों के बीच में __ अमन __ क़ायम होगा।
  • 48:14 दाऊद इस्राईल का राजा था, लेकिन ‘ईसा पूरे जहान का बादशाह है! वह फिर से आएगा, और अपने बादशाहत पर इन्साफ़ और __ अमन __ के साथ हमेशा बाद्शाही करेगा।
  • 50:17 ‘ईसा अपनी सल्तनत पर __ अमन __ व इन्साफ़ के साथ हुकूमत करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा।

शब्दकोश:

  • Strong's: H5117, H7961, H7962, H7965, H7999, H8001, H8002, H8003, H8252, G269, G31514, G1515, G1516, G1517, G1518, G2272