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बढ़ाएगा, बढ़ाता रहता, बढ़ गए, बढ़ने लगी, बढ़ती करेगा
ता’अर्रुफ़:
“बढ़ाएगा” या'नी ता'दाद बहुत बढ़ जाना। इसका मतलब और बातों से भी होता है जैसे दर्द का बढ़ना।
- ख़ुदा ने इन्सानों और जानवरों से कहा था कि वह बढ़ कर (फूलो फलो) ज़मीन को भर दें। यह औलाद बढ़ाने का हुक्म था।
- ‘ईसा ने 5,000 लोगों को खाना खिलाने के लिए रोटी और मछलियों की ता'दाद बढ़ाई थी। खाने की मिक़दार बढ़ती गई कि सबके लिए ज़रूरत से ज़्यादा खाना हो।
- जुमले के मुताबिक़ इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “फैलना” या “बढ़ने की वजह होना” या “ता'दाद बढ़ते रहना” या “ता'दाद ज़्यादा होना” या “ला ता'दाद हो जाना” भी हो सकता है।
- “तेरे दर्द को बहुत बढ़ा देगा” का तर्जुमा हो सकता है, “तेरी दर्द को ज़्यादा बड़ा बना दे” या “तुझे बहुत ज्यादा दर्द दे”।
- “घोड़े बढ़ाना” या'नी “लालच करके घोड़ों का जाए' करना” या “बहुत ज़्यादा घोड़े जमा' करना”
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में :
शब्दकोश:
- Strong's: H3254, H3527, H6280, H7231, H7233, H7235, H7680, G4052, G4129