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घुड़सवार, घुड़सवारों
ता’अर्रुफ़:
किताब-ए-मुक़द्दस के ज़माने में “सवारों” का मतलब था जंग में घोड़े की सवारी करनेवाला।
- रथों पर सवारी करनेवाले फ़ौजियों को भी “घुड़सवार” कहते थे। जबकि घुड़सवार हक़ीक़त में घोड़े की सवारी करनेवाला होता है।
- इस्राईलियों का मानना था कि जंग में घोड़े काम में लेना यहोवा के मुक़ाबले अपनी ताक़त पर ज़्यादा भरोसा रखना था, लिहाज़ा, वे ज़्यादा घुड़सवारों को नहीं रखते थे।
- इसका तर्जुमा “घोड़े के सवार” या “घोड़े पर सवार इन्सान” हो सकता है।
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H6571, H7395, G2460