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पहनाना, पहनना, लिबास, कपडे, उतारना
ता’अर्रुफ़:
|कलाम में “पहने हुए” के मा’नी हैं किसी बात से सवारना “पहन लो” का मा’नी है किसी ख़सलती सिफ़त को अपनाने की कोशिश करना।
- जिस तरह लिबास बदन के बाहर दिखाई देते हैं उसी तरह किसी सिफ़त से मा’मूर होने के मा’नी है इन्सान वह सिफ़त देखते हैं। “रहीम हो जाओ ” का मा’नी है तुम्हारे काम रहम का ऐसी ख़सलत ज़ाहिर करें कि सब पर ज़ाहिर हो।
- “आसमान से क़ुव्वत ” या’नी आसमान से क़ुव्वत ‘अता किया जाना।
- इस लफ़्ज़ के ज़रिये’न मंज़ूर मिजाज़ भी ज़ाहिर किए जाते है जैसे “शर्मिन्दा” और “डरावना ”
तर्जुमे की सलाह:
अगर मुमकिन हो तो आरास्ता को वैसे ही रखें ,”पहन लो” इसका तर्जुमा हो सकता है, “पहन लो” अगर लिबास पहनने के बारे में है।
- अगर मक़सद सही ज़ाहिर न हो रहा हो तो “पहनने” का दूसरा तर्जुमा हो सकता है, “रोया ” या “ज़ाहिर करना” या “भर जाना” या “सिफ़त होना”
- “पहन लो” का तर्जुमा “से ढांक लो” या “नज़र आने वाला मिजाज़ ”।
किताब-ए-मुक़द्दस:
शब्दकोश:
- Strong's: H899, H1545, H3680, H3736, H3830, H3847, H3848, H4055, H4346, H4374, H5497, H8008, H8071, H8516, G294, G1463, G1562, G1737, G1742, G1746, G1902, G2066, G2439, G2440, G3608, G4016, G4470, G4616, G4683, G4749, G5509, G6005