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# गवाही, गवाही देना
## ता’अर्रुफ़:
जब कोई आदमी "गवाही" देता है तो वह उसके बारे में एक बयान देता है जिसे वह जानता है, और यह दावा करते हुए कि बयान सच है। “गवाही” का मतलब “गवाही देने” से है।
* इन्सान हमेशा उस बात की गवाही देता है, जिसका उसे शख्सी तजुर्बा है।
* “झूठी गवाही” देने वाला आदमी किसी हादसे के बारे में सच नहीं कहता है।
* कभी-कभी “गवाही” किसी नबी की नबुव्वत के बारे में भी होती है।
* नये ‘अहद नामे में यह लफ्ज़ अक्सर ‘ईसा के मानने के बारे में है कि उन्होंने ‘ईसा की ज़िन्दगी , मौत और फिर से जी उठने की गवाही दी।
यह जुमला इस बात की गवाही देता है एक शख्स जो ख़ुद तजुर्बा रखता है कुछ जो हुआ है | आम तौर पर गवाही किसी शख्स के बारे जो कुछ हुआ सच है | यह जुमला “चश्म दीद गाह “वह शख्स वहां था और जो कुछ हुआ उसने देखा है |
““गवाही “जो हुआ उस को होते हुए देखा |
* मश्क़ के तौर पर “गवाह”गवाही देता है और गवाह खड़ा करता है \ यह एक जैसा मतलब रखता है “आज़माने”के लिए |
* गवाही उम्मीद रखती है की सच बोलना जो उन्होंने देखा और सुना है |
* एक गवाह सच नहीं बोलता है जो कुछ हुआ वह झूठा गवाह है | उसने कहा “झूठी गवाही दो “और झूठे गवाह खड़े करो|
यह तजुर्बा “गवाही के बीच “मतलब ‘किसी का किसी के लिए सुबूत होन | उस मुआ’अहदा के लिए जो किया गया है | गवाही इस बात यक़ीनी करता है हर शख्स वह केरे जो उसने वा’दा किया है
## तर्जुमे की सलाह:
* “गवाही देना” या “गवाही देना” का तर्जुमा “सच को कहना” या “जो देखा और सुना उसे बताना” या “शख्सी तजुर्बे से कहना” या “सुबूत देना” या “जो हुआ उसका बयान करना”।
* “गवाही” के तर्जुमे की शक्ल हो सकती हैं, “जो हुआ उसकी तफ़सील सुनाना” या “सच का सुनाना” या “सुबूत देना” या “जो कहा गया” या “नबुव्वत ”।
इस जुमले को, “ उनकी गवाही के तौर पर” तर्जुमा किया जा सकता है, “उन्हें सच्चाई दिखायें” या “उनको साबित करने के लिए कि सच क्या है”
* “उनके ख़िलाफ़ गवाही ठहरे” का तर्जुमा “जिससे उन पर उनके गुनाह ज़ाहिर हों” या “उनका फ़रेब ज़ाहिर हो” या “जो साबित करे कि वे गलत हैं”।
* “झूठी गवाही देना” इसका तर्जुमा हो सकता है, “किसी के बारे में झूठी बातें कहना” या “ऐसी बातें कहना जो सच नहीं हैं”।
* लफ़्ज़ “गवाह “या “चश्मदीद गवाह “जुमला में तर्जुमा किया जा सकता है जिस का मतलब ये है की ये शख्स उसे देखता है या जिस ने देखा है “या “कौन है जिसने देख और सुना (उन चीज़ों को)
* कुछ है जो “एक गवाह “या “हमारे वा’दे का निशान “या “जिस चीच का सुबूत है की ये सच है |
* जुमला “आप मेरे बारे में दूसरे लोगों को बताएं गे “या आप लोगों को सच्चाई सिखाएं गे जैसा मैंने तुम को सिखाया “या “आप लोगो को बतायें गे जो आप ने मुझे देखा मुझे सिखाया |
* ”गवाह “करने के लिए तर्जुमा किया जा सकता की क्या देखा गया था “या “गवाही देना” या “क्या हुआ है “
* ”गवाह “करने के लिए “कुछ देख कर “हो सकता है “या “किसी चीज़ का तजुर्बा “हो सकता है |
(यह भी देखें: [‘अहद का संदूक़](../kt/arkofthecovenant.md), [जुर्म](../kt/guilt.md), [मुन्सिफ़](../kt/judge.md), [नबी ](../kt/prophet.md), [गवाही](../kt/testimony.md), [हक़ीक़ी](../kt/true.md)
## किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
* [इस्तिसिना31:27-29](rc://ur-deva/tn/help/deu/31/27)
* [मीकाह 06:3-5](rc://ur-deva/tn/help/mic/06/03)
* [मत्ती 26:59-61](rc://ur-deva/tn/help/mat/26/59)
* [मरकुस 01:43-44](rc://ur-deva/tn/help/mrk/01/43)
* [यूहन्ना 01:6-8](rc://ur-deva/tn/help/jhn/01/06)
* [यूहन्ना 03:31-33](rc://ur-deva/tn/help/jhn/03/31)
* [रसूलों के 'आमाल 04:32-33](rc://ur-deva/tn/help/act/04/32)
* [रसूलों के 'आमाल 07:44-46](rc://ur-deva/tn/help/act/07/44)
* [रसूलों के 'आमाल 13:30-31](rc://ur-deva/tn/help/act/13/30)
* [रोमियो 01:8-10](rc://ur-deva/tn/help/rom/01/08)
* [1 थिस्लोनोकियो 02:10-12](rc://ur-deva/tn/help/1th/02/10)
* [1 तीमुथियुस 05:19-20](rc://ur-deva/tn/help/1ti/05/19)
* [2 तीमुथियुस 01:8-11](rc://ur-deva/tn/help/2ti/01/08)
* [2 तीमुथियुस 01:16-18](rc://ur-deva/tn/help/2pe/01/16)
* [1 युहन्ना 05:6-8](rc://ur-deva/tn/help/1jn/05/06)
* [3 युहन्ना 01:11-12](rc://ur-deva/tn/help/3jn/01/11)
* [मुकाश्फ़ा 12:11-12](rc://ur-deva/tn/help/rev/12/11)
## किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:
-[39:02](rc://ur-deva/tn/help/obs/39/02)-घर के अन्दर “यहूदाह के रहनुमाओं ने मुक़दमे पर ‘ईसा की आज़माइश की | उन्होंने बहुत से _झूठे गवाह _जो उन के बारे में झूठ बोला |
* _[39:04](rc://ur-deva/tn/help/obs/39/04)_सरदार काहिन ने अपने कपडे को ग़ुस्से में फ़ेंक दिया और कहा”हमें _गवाहों -की ज़रूरत नहीं | तुम ने उसे सुना है की वह खुदा का बेटा है | तुम्हारा फैसला क्या है ?
* _[42:08](rc://ur-deva/tn/help/obs/42/08)_ये भी सहीफ़े में लिखा गया कि मेरे शागिर्दों को ये ‘एलान किया जायेगा कि हर शख्स अपने गुनाहों की मु’आफ़ी के लिए तोबा करेंगे वह ये यरूशलीम में शुरू ‘करते हैं और फिर ये जगह तमाम झुण्डों पर जायेंगे | आप इन चीज़ों के _गवाह-हैं
* _[43:07](rc://ur-deva/tn/help/obs/43/07)_हम सब _गवाह_हैं कि खुदा ने ‘ईसा को दोबारा ज़िन्दा किया |
## शब्दकोश:
* Strong's: H5707, H5713, H5715, H5749, H6030, H8584, G267, G1263, G1957, G2649, G3140, G3141, G3142, G3143, G3144, G4303, G4828, G4901, G5575, G5576, G5577, G6020