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2.6 KiB

बचे हुए

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “बचे हुए लोग” हक़ीक़त में बचे हुए लोगों या चीज़ों के बारे में है। इसका मतलब बड़ी मिक़दार में से छोड़ी गई चीज़ भी है।

  • “बचे हुए” अक्सर उन लोगों को ज़ाहिर करता है जो जान के ख़तरे से बच गए या सताव के बा’द भी जो इन्सान ख़ुदा के वफ़ादार रहे।
  • यसा’याह यहूदियों की एक जमा’अत को बचे हुए लोग के बारे में कहता है जो दुश्मनों के हमले से बच निकले और ‘अहद के मुल्क कना’न लौटे।
  • पौलुस भी “बचे हुए” लोगों का ज़िक्र करता है जिन्हें ख़ुदा ने चुना कि उसके फ़ज़ल के वारिस हों।
  • “बचे हुए” से यह भी मतलब निकलता है कि कुछ और लोग वफ़ादार नहीं थे, या जो बचे नहीं या जो चुने नहीं गए।

तर्जुमे की सलाह:

  • “इनमें से बचे हुए लोग” इस जुमले का तर्जुमा, “इन लोगों में से जो बाक़ी रह गए” या “जो लोग ईमानदार रहे” या “बचे हुए लोग” हो सकता है।
  • “बाकी सब लोग” का तर्जुमा, “बचे हुए सब लोग” या “बचे हुए लोग” हो सकता है।

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H3498, H3499, H5629, H6413, H7604, H7605, H7611, H8281, H8300, G2640, G3005, G3062