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फ़सह
सच्चाई:
“फ़सह” यहूदियों के एक मज़हबी त्यौहार का नाम है जिसमें वे याद करते हैं कि ख़ुदा ने उनके बाप दादाओं को मिस्र की ग़ुलामी में से कैसे निकाला था।
- इस त्यौहार का नाम उस सच्चाई से आता है कि ख़ुदा इस्राईलियों के घरों से होकर निकला लेकिन उसने उनके बेटों का हलाक नहीं किया जबकि मिस्र के सब पहिलौठे मारे गए थे।
- फ़सह में एक मुकम्मल मेमने का गोश्त भूनकर खाया जाता था और रोटी ख़मीरी नहीं होती थी। इस खाने से उन्हें उस खाने की याद होता है जो उनके बाप दादाओं ने मिस्र से कूच करने से पहले रात को खाया था।
- ख़ुदा ने इस्राईलियों को हुक्म दिया था कि वे हर साल ऐसा खाना खाकर याद करें इसलिए ख़ुशी मनाएं कि ख़ुदा कैसे उनके घराने में से निकलकर गया और उन्हें ग़ुलामी से आज़ादी दिलाई।
तर्जुमे की सलाह:
फ़सह का लफ़्ज़ के तर्जुमें में “होकर निकलने” की मिलने के लफ़्ज़ या और एक जैसे लफ़्ज़ों को मिलाने के ज़रिए’ किया जा सकता है।
- अगर इस त्यौहार का नाम फ़रिश्ते के ज़रिए’ इस्राईलियों के बेटों को क़त्ल न करते हुए आगे बढना ज़ाहिर तौर से दिखाए तो बहुत मददगार होगा।
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 कुरिन्थियों 05:6-8
- 2 तवारीख़ 30:13-15
- 2 सलातीन 23:21-23
- इस्तिसिना 16:1-2
- ख़ुरूज 12:26-28
- एज्रा 06:21-22
- यूहन्ना 13:1-2
- यशू’अ 05:10-11
- लैव्यव्यवस्था 23:4-6
- गिनती 09:1-3
किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल:
- 12:14 ख़ुदा ने इस्राईलियों को हुक्म दिया कि वह हर साल फसह का त्यौहार मनाया करे, इस बात को याद करते हुए कि ख़ुदा ने उन्हें मिस्रियो की गुलामी से बचाया व उन्हें मिस्रियो पर फ़तहयाब किया |
- 38:01 हर साल, यहूदी फसह का त्यौहार मनाते थे | यह एक त्यौहार था, जब वह याद करते थे कि ख़ुदा ने कई सदियों पहले मिस्र की गुलामी से उनके बाप दादाओं को बचाया था |
- 38:04’ईसा यरूशलीम में अपने शागिर्दों के साथ फसह का दिन मना रहा था |
- 48:09 जब ख़ुदा ने खून को देखा तो वह उनके घरों के पास से गुजर गया और उसने उनके जेठे बेटों को हलाक नहीं किया | इस हादसे को फसह कहा जाता है |
- 48:10 ’ईसा हमारा फसह का मेम्ना है | वह कामिल और बेगुनाह था, और फसह के त्यौहार के दिन मारा गया था |
शब्दकोश:
- Strong's: H6453, G3957