4.0 KiB
4.0 KiB
पैरवी, पैरवी करता, पैरवी के लायक़, तरफ़दारी
ता’अर्रुफ़:
“पैरवी” मतलब चुनना। जब कोई इन्सान किसी इन्सान की पैरवी करता है, तो वह उस इन्सान को मुस्बत की शक्ल में देखता है और उस इन्सान को औरों के मुक़ाबले ज्यादा फ़ायदा देता है।
- “ख़ास पैरवी” का मतलब है, कुछ लोगों के साथ काम करने का मुनासिब रवैया करना, मगर दूसरों के साथ नहीं। इसका मतलब यह है कि एक इंसान को दूसरे या एक चीज़ को दूसरी को मुन्तख़ब करने का झुकाव क्यूँकि इन्सान या चीज़ को अहमियत दी जाती है| ‘आम तौर पर, तरफ़दारी को ग़लत माना जाता है।
- ‘ईसा ख़ुदा और इन्सानों की “’इज़्ज़त में” बढ़ता गया। इसका मतलब है उन्होंने उसके किरदार और मिज़ाज को मंजूरी दे दी।
- किसी का “पैरवी पाना” का मतलब है, किसी के ज़रिए’ किसी इन्सान को मन्जूर करना।
- जब कोई बादशाह किसी की पैरवी करता है तो उसका मतलब अमूमन यह होता है कि बादशाह ने उसकी गुज़ारिश क़ुबूल कर ली है।
- "पैरवी" किसी और इन्सान के लिए एक उनके फ़ायदे के लिए एक इशारा या कार्रवाई भी हो सकता है|
तर्जुमे की सलाह:
- “पैरवी” लफ़्ज़ का तर्जुमा करने के और तरीक़ों में “फ़ज़ल” या “फ़ायदा” शामिल हो सकता है|
- “यहोवा के ख़ुश रहने के साल” का तर्जुमा हो सकता है “साल(या वक़्त) के तौर पर किया जा सकता है जब यहोवा बड़ी बरकत लाएगा|”
- "तरफ़दारी" लफ़्ज़ का तर्जुमा "मुख़तलिफ़" या "ता’अस्सुब" या "नाइन्साफ़ी का सुलूक " के तौर पर किया जा सकता है। * यह लफ़्ज़ "पसंदीदा" लफ़्ज़ से मुता’अल्लिक़ है, जिसका मतलब है "जो पसंद किया गया है या सबसे ज़्यादा अज़ीज़ है।"
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 शमूएल 02:25-26
- 2 तवारीख़ 19:6-7
- 2 कुरिन्थियों 01:11
- रसूलों ले ‘आमाल 24:26-27
- पैदाइश 41:14-16
- पैदाइश 47:25-26
- पैदाइश 50:4-6
शब्दकोश:
- Strong's: H995, H1156, H1293, H1779, H1921, H2580, H2603, H2896, H5278, H5375, H5414, H5922, H6213, H6437, H6440, H7521, H7522, H7965, G1184, G3685, G4380, G4382, G5485, G5486