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2.6 KiB

हौसला, हौसलाअफ्ज़ाई

ता'अर्रुफ़:

“समझा” या'नी अच्छा काम करने के लिए हौसला अफज़ाई करना और दरख्वास्त करना। ऐसी हौसला को “हौसलाअफ्ज़ाई” कहलाती है।

  • “हौसला देने” का मक़सद है इंसान को गुनाह को छोड़ करके ख़ुदा की मर्ज़ी पर चलने के लिए मुता'स्सिर करना।
  • नये 'अहद नामें में ईमानदारों को ता'लीम दी गई है कि एक दूसरे को सख्ती से और वैसे मुहब्बत से समझाएं।

तर्जुमा की सलाह:

  • जुमले के मुताबिक़ “हौसला” का तर्जुमा “ज़्यादा दरख्वास्त करना” या “क़ायल करना” या “सलाह देना” भी हो सकता है।
  • यक़ीन करें कि इस लफ्ज़ का तर्जुमा ऐसा न लगे कि समझाने वाला नाराज़ है। इस लफ्ज़ से क़ुव्वत और संजीदगी से आगाह करना चाहिए लेकिन नाराज़गी का इज़हार नही होना चाहिए |
  • ज़्यादा तर जुमलों में “हौसला” का तर्जुमा“हौसला अफज़ाई” से मुख्तलिफ़ होना है जिसका मतलब है मुता'स्सिर करना, यक़ीन दिलाना, या इत्मिनान देना है।
  • इस लफ्ज़ का तर्जुमा “झिड़कना” से भी मुख्तलिफ़ होना है जिसका मतलब है ग़लत सुलूक के लिए आगाह कर देना, या सुधारना है।

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: G3867, G3870, G3874, G4389