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3.1 KiB

जहाज़

ता'अर्रुफ़:

“जहाज़”, लफ़्ज़ लकड़ी के चौकोर डब्बे के जैसा बताता है जिसमें कोई चीज़ रखकर महफ़ूज़ की जाती है। जहाज़ बड़ी या छोटी हो सकती है जो मुन्हसिर करता है कि वह किस काम में ली जा रही है।

  • अंग्रेजी की किताब-ए-मुक़द्दस में “जहाज़” लफ़्ज़ सबसे पहले एक लकड़ी की चौकोर नाव के लिए काम में लिया गया लफ़्ज़ है जिसे नूह ने दुनिया के सैलाब से बचने के लिए बनाया था। इस जहाज़ का नीचे बराबर था और एक छत थी और दीवारें थी।
  • इस लफ़्ज़ के तर्जुमा हो सकता हैं, “एक बहुत बड़ी नाव” या “बजरा” या “माल लाने वाली नाव ” या “बड़ी सन्दूक़ जैसी नाव”।
  • इस बहुत बड़ी नाव के लिए जो इब्रानी लफ़्ज़ काम में लिया गया है वह लफ़्ज़ वही है जिसे मूसा की माँ ने बच्चे मूसा को नील नदी में रखने के लिए टोकरी बनाई थी। इसका तर्जुमा हमेशा टोकरी किया जाता है।
  • “’अहद का सन्दूक़” में “सन्दूक़” के लिए एक अलग इब्रानी लफ़्ज़ का काम में लिया गया है। इसका तर्जुमा “डब्बा” या “सन्दूक़” या “बर्तन” किया जा सकता है।
  • “सन्दूक” का तर्जुमा किया जाए तब हर एक के बारे में देखें कि उसकी लम्बाई-चौड़ाई कितनी है और वह किस काम में लिया गया है, यह ज़्यादा ज़रूरी है।

(यह भी देखें: ‘अहद का सन्दूक़, टोकरी)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H727, H8392, G2787