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4.3 KiB

मैं किस तरह मतलब दुबारा बताऊं?

मुंदरजा ज़ैल अहकामात की एक फ़हरिस्त मुंदरजा ज़ैल है. इन इक़दामात का मक़सद मुतर्जिम की मदद करने के लिए है जो कि क़ुदरती, काबिल-ए-ज़िक्र और दरुस्त है. एक आम मुतनासिब ग़लतीयों में से एक एक मुतनव्वे मतन की तरक़्को के लिए हदफ़ ज़बान में क़ुदरती शक्लों का इस्तिमाल करने में नाकाम रहा है. इन मराहिल के मुताबिक़, मुतर्जिम एक ज़्यादा क़ुदरती और ज़्याद समझदार तर्जुमा तैयार करेगा

  1. ज़रीया ज़बान में मुकम्मल मुंतख़ब शूदा मंज़ूरी पढ़ें. गुज़रने एक पैराग्राफ़ या एक ऐसी चीज़ हो सकती है जो एक कहानी में वाक़्य हुआ है, या इस से भी एक मुकम्मल सैक्शन (कुछ बबलस में, एक अनवान से अगले सुर्खी तक सब कुछ). एक मुश्किल मतन में, एक मंज़ूरी सिर्फ एक या दो आयात हो सकती है
  2. ज़रीया ज़बान में मतन को देखकर बग़ैर ज़बानी तौर पर हदफ़ ज़बान में बताओ. अगरचे आप कुछ हिस्सों को भूल सकते हैं, आपको आख़िर तक सही तरीक़े से याद रखना जारी रखें.
  3. फिर, ज़रीया ज़बान का मतन मुलाहिज़ा करें. अब हदफ़ ज़बान में सब कुछ बताओ.
  4.  माख़ज़ ज़बान के मतन में दुबारा देखकर, आप सिर्फ भूल गए हिस्सों पर तवज्जा मर्कूज़ करते हैं, और फिर ये सब मैमरी की तरफ़ से हदफ़ ज़बान में दुबारा दुबारा बता.
  5. पूरी मंज़ूरी को याद करने के बाद, उसे बिलकुल लिखें जैसा कि उसने याद रखी है कि आप उसे मैमरी की तरफ़ से दुबारा कहा.
  6. लिखा हुआ बार, देखकर ज़रीया ज़बान को देखो कि आपने कुछ तफ़सील नज़रअंदाज की है. किसी भी तफ़सील को सबसे ज़्यादा क़ुदरती  जगह में डालें.
  7. अगर आप ज़रीया टेक्स्ट में किसी चीज़ को नहीं समझते तो, तर्जुमा में [नहीं समझ लिया] में लिखें और बाक़ी हिस्सों को लिखना जारी रखें.
  8. अब, आपने क्या लिखा पढ़ा. अंदाज़ा करें कि आप उसे समझते हैं या नहीं. बेहतर हिस्सों को दरुस्त करें .
  9. अगले हिस्से पर जाएं. ज़रीया ज़बान में उसे पढ़ें. सख़्ती से 2 से 8 मराहिल पर अमल करें.
  • क्रेडिट: इजाज़त की तरफ़ से इस्तिमाल किया, 2013, एसीलील इंटरनैशनल, हमारी मुक़ामी सक़ाफ़्त का इश्तिराक, पी. 59.