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तफ्सील

बाइबल में बहुत सी तादाद मौजूद हैं. वो अलफ़ाज़ के तौर पर लिखा जा सकता है, जैसे "पाँच" या आदाद-ओ-शुमार, जैसे "5." कुछ तादाद बहुत बड़े हैं, जैसे "दो सौ" (200), "बीस हज़ार" (22,000), या "सौ मिलियन" (100,000,000.) कुछ ज़बानों में इन तमाम तादादों के लिए अलफ़ाज़ नहीं हैं. मित्र जमीन को इस बात का फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि नंबरों का तर्जुमा कैसे करें और अलफ़ाज़ या नंबर के तौर पर उन्हें लिख लें

कुछ तादाद दरुस्त हैं और दूसरों को गोल किया जाता है. इबराम आठ साल की उम्र थी जब हग्ऱ इस्माईल अबराहाम को इबराम के पास ले गए थे. (इब्तिदा-ए-16:16 युएलटी)

अथार्टी (86) एक दरुस्त नंबर है.

इस दिन लोगों में से तीन हज़ार मर्द मर गए. (ख़ुरूज 32:28 युएलटी)

यहां नंबर तीन हज़ार एक गोल नंबर है. ये इस से कम या इस से कम-कम हो सकता है. "के बारे में" लफ़्ज़ से पता चलता है कि ये एक दरुस्त नंबर नहीं है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है: कुछ ज़बानों में उनमें से कुछ नंबरों के लिए अलफ़ाज़ नहीं हैं.

तर्जुमा उसूल

  • दरुस्त तादाद खासतौर पर क़रीब और खासतौर पर के तौर पर तर्जुमा किया जाना चाहीए के तौर पर वो हो सकता है.
  • गोल नंबर ज़्यादा आम तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है.

बाइबल की मिसाल

जब जावर 16 साल की उम्र में रहते थे, तो वो हनोक का बाप बन गया. हनोक के बाप बनने के बाद, जीरर आठ सौ साल था. वो ज़्यादा बेटों और बेटों का बाप बन गया. जावर 962 साल रहता था, और फिर वो मर गया. (पैदाइश 5: 18-20 युएलटी)

नंबर 162, आठ सौ, और 962 दरुस्त नंबर हैं और मुम्किना हद तक उनकी तादाद के क़रीब किसी चीज़ के साथ तर्जुमा किया जाना चाहीए.

हमारी बहन, आप हज़ारों हज़ार की माँ हो सकते हैं (इब्तिदा-ए-24:60 युएलटी)

ये एक गोल नंबर है. ये ये नहीं कहता है कि वो कितनी औलाद के पास होना चाहीए, लेकिन ये उनकी बड़ी तादाद थी.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. प्वाईंटस का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  2. उनकी तादाद के लिए आपकी ज़बान के अलफ़ाज़ या गेट वे की ज़बान के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  3.  अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें, और उनके बाद पैराग्राफ़ में प्वाईंटस डालें.
  4. बड़ी तादाद के अलफ़ाज़ को जोड़ें
  5. बहुत बड़े गोल नंबरों के लिए एक बहुत आम इज़हार का इस्तिमाल करें और बाद में क़ारईन फेरों में नंबर लिखें.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

हम मुंदरजा ज़ैल आयत को अपने मिसाल में इस्तिमाल करेंगे:

अब, देखो, मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए 100,000 प्रतिभा सोने, एक मिलियन चांदी के चांदी, और बड़ी मिक़दार में कांसी और लोहा के लिए तैयार की गई कोशिश में. (1 तारीख 22:14 युएलटी)

  1. प्वाईंटस का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर 100,000 क़ाबिलीयत सोने के लिए तैयार किया है, 1,000,000 प्रतिभा चांदी, और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन
  1. उनकी तादाद के लिए आपकी ज़बान के अलफ़ाज़ या गेट वे की ज़बान के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए एक लाख प्रतिभा सोने, एक लाख चांदी का चांदी, और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन तैयार किया है.
  1.  अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें, और उनके बाद पैराग्राफ़ में प्वाईंटस डालें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए एक सौ हज़ार (100,000) क़ाबिलीयत के लिए तैयार किया है, एक लाख (1,000,000) चांदी की चादरें, और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन
  1. बड़ी तादाद के अलफ़ाज़ को जोड़ें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए एक लाख प्रतिभा सोने, एक हज़ार हज़ार चांदी की चांदी और पीतल और लोहे की बड़ी मिक़दार में तैयार किया है.
  1. बहुत बड़े गोल नंबरों के लिए एक बहुत आम इज़हार का इस्तिमाल करें और बाद में क़ारईन फेरों में नंबर लिखें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए बहुत सोना सोनीया (100,000 प्रतिभा), चांदी की दस गुना (1000,000 प्रतिभा), और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन तैयार किया है

मुस्तक़िल मिज़ाज

आपके तर्जुमा में मुसलसल रहीं. नंबरों या आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हुए नंबरों का तर्जुमा कैसे करेंगे. मुस्तक़िल होने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं.

  •  हरवक़त की तादाद की नुमाइंदगी करने के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें. (आपके पास बहुत तवील अलफ़ाज़ हो सकते हैं.)
  •  हरवक़त की तादाद की नुमाइंदगी करने के लिए आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करें.
  • नंबरों की नुमाइंदगी करने के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें कि आपकी ज़बान में अलफ़ाज़ के ले-ए-अलफ़ाज़ और नंबर इस्तिमाल करें जिनकी ज़बान आपके पास अलफ़ाज़नहीं है
  • आला नंबरों के लिए कम नंबर और आदाद-ओ-शुमार के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें.
  • नंबरों के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें जो चंद अलफ़ाज़ से ज़्यादा की ज़रूरत होती है जो तादाद के लिए चंद अलफ़ाज़ और आदाद-ओ-शुमार की ज़रूरत होती है.
  • आदाद-ओ-शुमार की नुमाइंदगी करने के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें, और उनके बाद क़ारईनों में प्वाईंटस लिखें.

युएलटी और युएसटी में मुताबिक़त

  • * लफ़्ज़ लफ़्ज़ लतीफ़ टेक्स्ट * (युएलटी) और * लफ़्ज़ बोली लफ़्ज़ आसान मतन * (युएसटी) के आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हैं जो सिर्फ एक या दो अलफ़ाज़ (नौ, सोला, तीन सौ) हैं. वो तादाद के लिए आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हैं जो दो अलफ़ाज़ से ज़्यादा हैं (नंबर "130" की बजाय "एक सौ तीस" की बजाय)

जब आदम 130 साल की उम्र में रहता था तो वो अपनी तस्वीर के बाद अपने बेटे के बाप बन गया, और उसने उस का नाम सियत रखा. आदम के बाद सियत का बाप बन गया, वो आठ सौ साल गुज़रा. वो ज़्यादा बेटों और बेटों का बाप बन गया. आदम 930 साल रहता था, और फिर वो मर गया. (पैदाइश 5: 3-5 युएलटी)