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तर्जुमा अलफ़ाज़

ये मुतर्जिम का फ़र्ज है, इस की सलाहीयत का सबसे बेहतर, इस बात का यक़ीन करने के लिए कि हर बाइबल के पास वो तर्जुमा है जिसका मतलब ये है कि इस बाइबल के हवाला के मुसन्निफ़ ने उसे बात करने का इरादा किया. ऐसा करने के लिए, वो तर्जुमा मुताला करने की ज़रूरत होगी कि बाइबल के उल्मा की तरफ़ से तैयार तर्जुमा में मदद मिलती है, बिशमोल तर्जुमा अलफ़ाज़ वसाइल

तर्जुमा अलफ़ाज़ इस्तिमाल करने के लिए, इन मराहिल पर अमल करें:

  1. ज़रीया मतन में अहम अलफ़ाज़ और किसी भी अलफ़ाज़ की शनाख़्त करें जो समझने या समझने में मुश्किल हैं.
  2. सैक्शन को देखो "तर्जुमा मा अलफ़ाज़".
  3. ऐसे अलफ़ाज़ को तलाश करें जिन्हें आपने अहम या मुश्किल के तौर पर शनाख़्त किया है, और सबसे पहले पर क्लिक करें.
  4. इस लफ़्ज के अलफ़ाज़ तर्जुम अलफ़ाज़ दर्ज करें.
  5.  तारीफ़ को पढ़ने के बाद, दुबारा बाइबल के हवाला पढ़ीं, तारीफ़ अलफ़ाज़ के बारे में सोचें कि आप तर्जुमा अलफ़ाज़ में पढ़ते है |
  6. बाइबल के सयाक़-ओ-सबॉक् और तारीफ़ के मुताबिक़ आपकी ज़बान में लफ़्ज का तर्जुमा करने के मुम्किना तरीक़ों पर ग़ौर करें. ये आपकी ज़बान में अलफ़ाज़ और जुमले का मुवाज़ना करने में मददगार साबित हो सकता है जो हर एक का मतलब है और हर एक की कोशिश करें.
  7. एक ऐसे शख़्स के मुंतख़ब करें जो आप सोचते हैं कि वो सबसे बेहतर है और उसे लिखें.
  8. दूसरी तर्जुमा के लिए मुंदरजा ज़ैल इक़दामात को दुबारा दो पाइ अलफ़ाज़ जो आपने शनाख़्त की है.
  9. जब आप तर्जुमा के अलफ़ाज़ के लिए अच्छी तर्जुमा के बारे में सोचते हैं तो फिर पूरे रास्ते का तर्जुमा करे |
  10. दूसरों को पढ़ने के ज़रीया अपना तर्जुमा मंज़ूर करें. जगहों में मुख़्तलिफ़ लफ़्ज या फ़िक़रा में तबदील करें जहां दूसरों को मअनी नहीं समझता

एक-बार आपको तर्जुमा कलाम के लिए एक अच्छा तर्जुमा मिल गया है तो, आपको मुसलसल तर्जुमा में इस का इस्तिमाल करना चाहीए. अगर आप ऐसी जगह ढूँडेंगे जहां उस का तर्जुमा मुनासिब ना हो तो फिर अमल के ज़रीया  सोचें. ये हो सकता है कि इसी मअनी के साथ एक नया लफ़्ज नए सयाक़-ओ-सबॉक् में बेहतर होगा | ट्रैक रखें जिसका लफ़्ज या अलफ़ाज़ आप हर तर्जुमा कलाम का तर्जुमा करने के लिए इस्तिमाल कर रहे हैं और तर्जुमा की टीम पर ये सभी मालूमात को दस्तयाब करें. ये सब तर्जुमा टीम में मदद करेगा कि वो कौन सी अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं.

नामालूम ख़्यालात

कभी कभी एक लफ़्ज लफ़्ज किसी ऐसी चीज़ या अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ इशारा करता है जो हदफ़ ज़बान नामालूम नहीं है. ममनू हिल एक वज़ाहती जुमला इस्तिमाल करना है, इसी तरह किसी चीज़ का मुतबादिल, किसी दूसरे ज़बान से ग़ैर मुल्क लफ़्ज इस्तिमाल करते हैं, ज़्यादा आम लफ़्ज का इस्तिमाल करते हैं या ज़्यादा मख़सूस अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं. मज़ीद मालूमात के लिए सबक़ नामालूम इस्तिमाल पर सबको  देखें |

एक किस्म की नामालूम ख़्याल ये अलफ़ाज़ हैं जो यहूदी और ईसाई मज़हबी रवायात और अक़ाइद से मुताल्लिक़ हैं. कुछ आम नामालूम ख़्यालात हैं:

जगहों के नाम जैसे जैसे:

  • मंदिर (एक इमारत जहां ईसराईलीयों ने ख़ुदा के लिए क़ुर्बानियां पेश की हैं)
  • सिनागॉग (एक इमारत जहां यहोवाह लोगों को ख़ुदा की इबादत करने के लिए जमा)
  • क़ुर्बान गाह की क़ुर्बान गाह (ख़ुदा के लिए तोहफ़े या क़ुर्बानी के तौर पर जलाया गया है जिसमें एक बलंद तरीन साख़त है.)

ऐसे लोगों के उनवानात जो दफ़्तर रखे जाते हैं जैसे जैसे:

  • पादरी (जो शख़्स अपने लोगों की जानिब से ख़ुदा के लिए क़ुर्बानियां पेश करने के लिए मुंतख़ब किया जाता है)
  • फ़रीसी (यसवा के वक़्त में इसराईल के मज़हबी रहनुमाओं का अहम ग्रुप)
  • नबी (जो शख़्स पैग़ामात फ़राहम करता है जो बराह-ए-रास्त ख़ुदा की तरफ़ से आता है |
  • इन्सान का बेटा
  • ख़ुदा का बेटा
  • बादशाह (एक आज़ाद शहर, रियासत या मलिक के हुकमरान).

कलीदी बाइबल तसव्वुरात जैसे:

  • माफ़ी (उस शख़्स से नफ़रत ना करो और इस पर ग़ुस्सा  ना करो कुछ नुक़्सान पहुंचा)
  •  नजात (बुराई, दुश्मनों, या ख़तरे से बचाया जा रहा है
  • छुटकारा (उस चीज़ को वापिस ख़रीदने का एक फे़अल जो पहले ही मिल्कियत था या जो क़ैदी पर मुश्तमिल था)
  • रहमत (मदद करने वाले अफ़राद की मदद)
  • फ़ज़ल (उस की मदद या इस सिलसिले में जो किसी शख़्स को दिया गया है जिसने उसे हासिल नहीं किया है)

(याद रखें कि ये सब सदी हैं, लेकिन वो वाक़ियात की नुमाइंदगी करते हैं, लिहाज़ा उन्हें फे़अल (फे़अल) शक़ों की तरफ़ से तर्जुमा करने की ज़रूरत हो सकती है.)

आप इन तर्जुमा की तारीफों पर तबादला-ए-ख़्याल करने की ज़रूरत हो सकती है, तर्जुमा टीम के दीगर अरकान या आपके चर्च या गांव के लोगों के साथ अलफ़ाज़ उनके तर्जुमा करने का बेहतरीन तरीक़ा तलाश करने के लिए