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### तफ्सील
कभी कभी, नोटों की फ़हरिस्त के सबसे ऊपर, वहां नोट हैं कि **मरबूत बयान** या **उमूमि मालूमात** |
एक **मुंसलिक बयान** बताता है कि किस तरह सहाबा में एक अक़ीदे की इबतिदाईमज़ामीन में सहाबा से मुताल्लिक़ है | मुंसलिक बयानात में कुछ किस्म की मालूमात दर्ज जे़ल हैं |
* चाहे ये हिस्सा इबतिदाई, दरमयानी या आख़िर में है
* कौन बोल रहा है
* जिसे स्पीकर बोल रहा है
एक **आम मालूमात** नोट एक ऐसे टुकड़े से मुताल्लिक़ मुआमलात के बारे में बताता है जो एक से ज़ाइद जुमले का अहाता करता है. मुंदरजा ज़ैल कुछ किस्म की मालूमात जो आम मालूमात के बयान में मौजूद है |
* शख़्स या चीज़ जिसका हवाला देते हैं
* अहम पस-ए-मंज़र या मोतबर मालूमात जिसमें हिस्सा में मतन को समझने की ज़रूरत है
* मंतक़ी दलायल और नतीजा
नोट्स के दोनों किस्मों को बेहतर तौर पर हिस्सा को समझने में मदद मिलती है और इस मसले से आगाह हो सकती है जो आपको तर्जुमा में ऐडरैस करने की ज़रूरत होगी |
### मिसाल
#### चाहे यह हिस्सा इबतिदाई, दरमयानी या आख़िर में है
><sup>1</sup> ये उस वक़्त आया जब यसवा ने अपने बारह शागिर्दों को हिदायत की थी, वो अपने शहरों में पढ़ने और तब्लीग़ करने के लिए वहां से चला गया| ><sup>2</sup> जब यसवा ने जेल में मसीह के आमाल के बारे में सुना, तो उसने अपने शागिर्दों को एक पैग़ाम भेजा | <sup>3</sup> और इस से कहा, "क्या तुम आ रहे हो, या क्या कोई और शख़्स है जो हमें तलाश करना चाहीए?” (माथेव 11:1-3 युएलटी)
* **उमूमि मालूमात**: - ये इस कहानी का एक नया हिस्सा है जिसमें मुसन्निफ़ ने ये बताया है कि यसवा ने यूहना बपतिस्मा देने वालों के शागिर्दों का जवाब दिया | (मुलाहिज़ा करें: * नई ईवंट का तआरुफ़*)
ये नोट आपको एक कहानी के एक नए हिस्से के आग़ाज़ में इंतिबाह देता है और आपको इस सफ़े का एक लिंक फ़राहम करता है जो उनमें तर्जुमा करने के मुताल्लिक़ नए वाक़ियात और मसाइल के बारे में मज़ीद बताता है |
#### कौन बोल रहा है
> <sup>17</sup> क्योंकि वो हम में से था और इस वज़ारत के फ़वाइद का हिस्सा मिला |" <sup>18</sup>( अब इस आदमी ने अपने बुरे काम की आमद के साथ एक फ़ील्ड ख़रीदा. फिर वो सबसे पहले सर गिर गया, और इस के जिस्म को खुली खुली दफ़न हुई, और इस के तमाम आधे फट गए |<sup>19</sup> ये यरूशलम में रहता है जो उन लोगों के लिए जाना जाता था कि फ़ील्ड को उनकी अपनी ज़बान में अकीलमाअम में बुलाया गया था, ये कि ख़ून का मैदान है |) (एक्ट्स 1:17-19 युएलटी)
* **मरबूत बयान:** - पीटर मोमिनों के लिए उस की तक़रीर जारी है कि वो * आमाल 1: 16 * में शुरू हुआ |
ये नोट आपको बताता है कि अब भी पीटर 17 आयत में बोल रहा है लिहाज़ा आप अपनी ज़बान में सही तरीक़े से निशान ज़िद कर सकते हैं |
#### शख़्स या चीज़ जिसका हवाला देते हैं
><sup>20</sup>और यसईआह बहुत जुरात मंद है और कहते हैं,
>"मुझे उन लोगों की तरफ़ से मिल गया जिन्हों ने मुझे तलाश नहीं लिया |
> इन लोगों को ज़ाहिर हुआ जो मेरे लिए नहीं मांगते थे |"
><sup>21</sup> लेकिन इसराईल के लिए वो कहते हैं, "पूरे दिन मैंने अपने हाथों तक पहुँचाया
>एक ना-फ़रमानी और मुज़ाहम लोगों को. "(रोमीयों 10: 20-21 युएलटी )
* **उमूमि मालूमात:** - यहां अलफ़ाज़ "में," "मुझे," और "मेरा" ख़ुदा का हवाला देते हैं.
ये नोट आपको जानता है कि कौन कौन कौंसल हवाला देते हैं. आपको कुछ शामिल करने की ज़रूरत होगी ताकि क़ारईन जान लें कि यसईआह अपने लिए नहीं बोल रहा है, लेकिन इस का हवाला देते हुए ख़ुदा ने कहा |
#### अहम पस-ए-मंज़र या मोतबर मालूमात
> <sup>26</sup> अब रब का एक फ़रिश्ता फ़लिप से गुफ्तगू करते हुए कहा, "जल्दी करो और जुनूब की तरफ़ सड़क पर जो यरूशलेम से ग़ज़ा से निकल जाओ." (ये सड़क सहरा में है.) <sup>27</sup> वो उठ गया और चला गया. देखो, एथोपीया से एक आदमी था, Candace के तहत अज़ीम अथार्टी की एक बड़ी तादाद, एथोपीया की रानी. वो उस के तमाम खज़ाना के इंचार्ज थे. वो इबादत करने के लिए यरूशलेम पहुंचा था <sup>28</sup> वो वापिस आ रहा था और अपने रथ में बैठा था, और यसईआह नबी पढ़ रहा था (एक्ट्स 8:26-28 युएलटी)
* ** उमूमि मालूमात:** - ये फ़लिप और एथोपीया से इन्सान के बारे में कहानी का हिस्सा है. Verse 27 एथोपीया से इन्सान के बारे में पस-ए-मंज़र की मालूमात फ़राहम करता है. (मुलाहिज़ा करें: * पस-ए-मंज़र *)
ये नोट आपको एक कहानी और कुछ पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात के नए हिस्से के आग़ाज़ में इंतिबाह करता है लिहाज़ा आप इन चीज़ों से आगाह हो सकते हैं और उन चीज़ों को दिखाने के अपनी ज़बान के तरीक़ों को इस्तिमाल करते हैं. नोट में पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात के बारे में लिंक का लिंक भी शामिल है ताकि आप किस तरह तर्जुमा करने के बारे में मज़ीद जान सकें |