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तफ़सील

बाइबल इब्रानी, अबरा मयाह और यूनानी में लिखा था जब आप "एक से मुराद एक फ़र्द को हवाला देते हैं तो ये ज़बानें एक * वाहिद वाहिद फ़ार्म ' आप ' हैं जब आप लफ़्ज़ "आप एक से ज़ाइद अफ़राद को हवाला देते हैं ताहम बाइबल में कभी कभी मुक़र्ररीन * आपके "वाहिद * फ़ार्म का इस्तिमाल करते हुए अगरचे वो लोगों के ग्रुप से बात कर रहे थे ये वाज़िह नहीं है जब आप अंग्रेज़ी में बाइबल को पढ़ते हैं, क्योंकि अंग्रेज़ी में "आप के वाहिद और "आप के लिए मुतअद्दिद फ़ार्म नहीं हैं लेकिन आप ये देख सकते हैं कि अगर आप बाइबल को एक ज़बान में पढ़ते हैं जो मुख़्तलिफ़ शक्लें हैं

इस के इलावा, पुराने अह्दनामा के स्पीकर और मुसन्निफ़ीन अक्सर अक्सर लोगों के गिरोहों का हवाला देते हैं जिनके साथ "वाहिद लफ़्ज़ वाहिद "वो है जो उस के मुक़ाबले में "ज़मीर है

वजह ये एक तर्जुमा मसला है

  • बहुत से ज़बानों के लिए, जो आप आप के आम शक्ल के साथ बाइबल पढ़ते हैं वो एक मुतर्जिम जानने की ज़रूरत होगी कि स्पीकर एक शख़्स से बात कर रहा था या एक से ज़्यादा
  • कुछ ज़बानों में ये उलझन हो सकता है कि अगर एक स्पीकर एक से ज़्यादा शख़्स बोलते हैं या एक से ज़्यादा शख़्स बोलते हैं तो एक स्पीकर वाहिद ज़मीमा का इस्तिमाल करता है

बाइबल की मिसाल

 1 पर ग़ौर करें कि आप u> आप / u> लोगों को आपकी तरफ़ से देखे जाने से पहले नेकी नहीं करते हैं, या फिर आप / आप / आप आप / u> के वालिद से कोई अज्र नहीं होगा जो जन्नत में है 2 लिहाज़ा जब आप u> आप / u> को ज़कात देते हैं तो, आपकोu> ख़ुद से पहले ट्राप् ना लगे क्योंकि मुनाफ़िक़ इबादत-गाहों और सड़कों में करते हैं, ताकि वो लोगों की तारीफ़ हो सकती है सच्च में में u> आप / u> से कहता हूँ, उन्हें उनका अज्र मिलेगा (मति6: 1،2 यू उल्टी

यसवा ने ये भीड़ से कहा उन्होंने आयत1 में "आप कसरत से इस्तिमाल किया था, और "तुम आयत की पहली सज़ा में 2. फिर आख़िरी सज़ा में उन्होंने दुबारा कसरत से इस्तिमाल किया

ख़ुदा ने इन तमाम अलफ़ाज़ से बात की "मैं ख़ुदावंद हूँ, आप / u> ख़ुदा हूँ, जिसने मिस्र की ज़मीन से गु़लामी के घर से बाहर निकाल दिया आप / u> मेरे सामने कोई माबूद नहीं होना चाहीए " (ख़ुरूज20: 1-3 यू उल्टी

ख़ुदा ने इसराईल के तमाम लोगों को ये कहा उसने मिस्र को इन सबको ले लिया था और वो सबको उस का इताअत करने के लिए चाहता था, लेकिन जब वो उनसे बात कर रहा था तो वो आपका वाहिद फ़ार्म इस्तिमाल करते थे

 ये वही है जिसे ख़ुदावंद कहते हैं "अदूम के तीन गुनाहों के लिए यहां तक कि चार के लिए मैं सज़ा को दूर नहीं करूँगा मैं सज़ा को दूर नहीं करूँगा और तमाम अफ़सोस का इज़हार करें  इस के / u> ग़ुस्सा मुसलसल मुसलसल झगड़ा हुआ  इस के / u> ग़ुस्सा मुसलसल मुसलसल झगड़ा हुआ

ख़ुदावंद ने इन चीज़ों को अदूम के मलिक के बारे में कहा, ना सिर्फ एक शख़्स

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर ज़मीर का वाहिद फ़ार्म क़ुदरती तौर पर लोगों की तरफ़ इशारा करे तो इस का इस्तिमाल करें

  • चाहे आप उस का इस्तिमाल कर सकते हो इस पर मुनहसिर हो सकता है कि स्पीकर कौन है और कौन लोग हैं कि वो बात कर रहे हैं या बात करने से बात करते हैं
  • ये भी इस बात पर मुनहसिर है कि स्पीकर क्या कह रहा है
  1. अगर ज़मीर का वाहिद रूप क़ुदरती तौर पर नहीं होता जब लोगों के किसी गिरोह से बातचीत होती है, या अगर क़ारईन उस की तरफ़ से उलझन की जाये तो, ज़मून के जमा शक्ल का इस्तिमाल करें

एप्लीकेशन की हिक्मत-ए-अमली लागू

  1. अगर ज़मीर का वाहिद रूप क़ुदरती तौर पर नहीं होता जब लोगों के किसी गिरोह से बातचीत होती है, या अगर क़ारईन उस की तरफ़ से उलझन की जाये तो, ज़मून के जमा शक्ल का इस्तिमाल करें

ये वही है जिसे ख़ुदावंद कहते हैं "अदूम के तीन गुनाहों के लिए यहां तक कि चार के लिए मैं सज़ा को दूर नहीं करूँगा क्योंकि u> वो / u> ने तलवार के साथ u> इस / u> भाई का पीछा किया और तमाम अफ़सोस का इज़हार करें  इस के / u> ग़ुस्सा मुसलसल मुसलसल झगड़ा हुआ और u> इस का ग़ज़ब हमेशा तक जारी रहा "(अमोस1:11 यू उल्टी

ये वही है जिसे ख़ुदावंद कहते हैं "अदूम के तीन गुनाहों के लिए यहां तक कि चार के लिए मैं सज़ा से दूर नहीं करूँगा क्योंकि u> वो / u> तलवार के साथ u> अपने भाई / u> की पैरवी की और तमाम अफ़सोस का इज़हार करें उनके/ u> ग़ज़ब मुसलसल ग़ुस्से में झगड़ा और u> इन / u> ग़ज़ब हमेशा तक जारी रही "