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तफ़सील

इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी एक शायराना आला है जिसमें एक पेचीदा ख़्याल दो या ज़्यादा मुख़्तलिफ़ तरीक़ों में बयान किया जाता है I तक़रीर करने वाला ऐसा इसलिए करता है की वोह इस ख्याल पे जोर दे सके की दोनों फिकरों में ख्याल एक ही है I इसे "मुतरादिफ़ मुतवाज़ी भी कहा जाता है I

नोट : हम तवील जुमले या फ़िक़रे के लिए "इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी इस्तिलाह का इस्तिमाल उनके लिए करते हैं जिनका एक ही मयानी होता है I हम लफ़्ज़ों के लिए या छोटे फिकरों के लिए जोड़े का इस्तेमाल करते हैं जिसका एक ही जैसा मायना होता है और एक साथ इस्तेमाल किये जाते हैं I

याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है I ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )

पहले दर्ज करदा जुमला और दूसरा दर्ज जे़ल जुमला का मतलब एक ही है I इन दो जुमले के दरमयान तीन ख़्यालात मौजूद हैं "देखता है " नज़र रखता है "" सब कुछ .. करता है "से मुताल्लिक़ है तमाम रास्ते .. लेता है, "और एक शख़्स " वो "से मिलता है

मीतर मुतावाज़ियत का शायरी में बहुत असर होता है I

  • यह बताता है की कुछ बहुत जरूरी , एक-बार से ज़्यादा और एक से ज़्यादा तरीक़े से कह कर  कहा गया है I
  • ये सुनने को मदद करता है कि,वो ले-ए-मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से कहे गए ख़्याल के बारे में मज़ीद गहराई से सोचे I
  • ये ज़बान को ज़्यादा ख़ूबसूरत और बोलने के आम तरीक़ा से ऊपर बना देता है

ये एक तर्जुमा मसला होने की वजाहत

कुछ जबान में ओग एक ही चीज़ को दो बार , चाहे अलग अलग तरीके से ,कहने को तवज्जो नहीं देते हैं I उनका ये स्पोचना है की अगर दो जुमले या दो फिकरे हो तो उनका अलग अलग मायने होना चहिये I लिहाज़ा वो समझते नहीं हैं कि नज़रियात को दोहराना ख़्याल पर-ज़ोर देने में मदद मिलती है I

बाइबल की मिसाल

तुम्हारे लफ्ज़ मेरे पांव का चीराग है और मेरे रह की रौशनी है I ( पसलम 119:105 यू एल टी )

जुमले के दोनों हिस्से कन्या हैं जो की बता रहे है की , कूड़ा के लफ्ज़ लोगों को जीना सिखाते हैं I यहाँ लफ्ज़ “ चिराग “ और “ रौशनी “ के एक जैसे मायने हैं क्योंकि वो रौशनी के बारे में बता रहें है I और “ मेरे पांव “ और “ मेरा रास्ता “ लफ्ज़ आपस में तालुकात रखते हैं I

तुम सारे देश , याह्वेह की <यु> तारीफ <यु> करें उसके <यु> हम्दो साना <यु> बने ! (पासलम 117:1 यू एल टी )

जुमले के दोनों हिस्से , लोगों से कह रहे हैं की याह्वेह की तारीफ करो I यहाँ तारीफ और हम्दो सानालफ़्ज़ों का एक ही मायने है I याह्वेह और “ उसकी : के मायने भी एक ही हैं वैसे ही “ तुम सरे देश “ और “तुम सभी लोग” के भी मायने एक ही हैं I

क्योंकि याह्वेह का <यु> उसके लोगों के साथ <यु> मुकदमा है और वो इजराइल के खिलाफ <यु> कोर्ट में लडेगा <यु> ( मिकाह 6 :2 यू एल टी )

इस आयत के दो हिस्सों का कहना है कि यहूवाह अपने लोगों, इसराईल के साथ संगीन इख़तिलाफ़ात रखता है I ये दो मुख़्तलिफ़ इख़तिलाफ़ात या दो मुख़्तलिफ़ गिरोह नहीं हैं

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आपकी जबान, मुतावाज़ियत का इस्तेमाल , बिब्लिकल जबान की तरह , करती है , एक अकेले ख्याल को मजबूत करती है तो उसे अपने तर्जुमा में इस्तेमाल करें I लेकिन अगर आपकी ज़बान इस तरह मुतवाज़ी का इस्तिमाल नहीं करती, तो फिर दर्ज जे़ल तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली में से एक का इस्तिमाल करें

  1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
  2. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होकर जो कुछ कहते हैं वो सच्चा है, आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर-ज़ोर देते हैं I
  3. अगर ये ज़ाहिर होता है कि फिकरे का एक साथ इस्तेमाल , एक ख़्याल को बराहने , के लिए किया गया है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब को इस्तिमाल कर सकते हैंI

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
  • अभी तक तुमने मुझे <यु> धोखा <यु> दिया और <यु>झूठ बोला <यु> -(जजेस 16:13, यू एल टी ) देल्लिआह ने अपने ने ख़्याल पे दो बार ज़ोर दिया कि वो बहुत परेशान है I
  • अभी तक तुमने मुझे अपने <यु> झूठ <यु> से धोका </यु> दिया है

याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है I ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी ) यहाँ “ जो रास्ता वो लेता है “ ,” जो वो करता है “ के लिए एक कनाया है I

  • याह्वेह <यु> निगरानी <यु> रखता है की कोण क्या कर रहा है I

क्योंकि याह्वेह का <यु> उसके लोगों के साथ <यु> मुकदमा है और वो इजराइल के खिलाफ <यु> कोर्ट में लडेगा <यु> ( मिकाह 6 :2 यू एल टी ) ये मुतावाज़ियत एक संगीन इख़तिलाफ़ात की वज़ाहत करता है कि  जो याह्वेह का एक झुण्ड के लोगों के साथ था I अगर ये वाज़िह नहीं है तो, जुमले को मुशतर्का किया जा सकती है I

  • याह्वेह का अपने लोगों के साथ, इजराइल <यु> मुकादमा था <यु>
  1. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होकर जो कुछ कहते हैं वो सच में सही है , तो आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो "सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर” पे ज़ोर देते हैं I
  • याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
  • याह्वेह <यु> सच में<यु> देख सकता है की लोग क्या कर सकते हैं
  1. अगर ये ज़ाहिर होता है कि फिकरे उनमें एक ख़्याल को पुरजोर रखने के लिए इस्तिमाल किया जाता है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब जैसे इस्तिमाल कर सकते हैं I
  • ... अभी तक तुमने मुझे <यु> धोखा <यु> दिया और <यु>झूठ बोला <यु> -(जजेस 16:13, यू एल टी )
  • तुमने </यु> सिर्फ मुझसे झूठ बोलेन है I
  • याह्वेह <यु> वह सब कुछ देखता है जो लोग करतें है <यु> और <यु> जो रस्ते चुनते है ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
  • याह्वेह <यु> सब </यु> कुछ देखता है की एक इंसान क्या कर रहा है I