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25 . शैतान येसु की आज़माइश करता है -
येसु के बपतिस्मा लेने के फ़ौरन बाद रूहुल क़ुदुस उसको जंगल में ले गया - वहाँ येसु चालीस दिन चालीस रात रहा - उस दौरान उसने फ़ाक़े किये और शैतान येसु के पास आया और गुनाह के लिए आज़माया -
सब से पहले शैतान ने येसु से कहा ,”अगर तू खुदा का बेटा है तो कह कि यह पत्थर रोटियाँ बन जाए –“
मगर यीशु ने शैतान से कहा ,”खुदा के कलाम में लिखा है कि लोगों को ज़िन्दगी जीने के लिए सिर्फ़ रोटी ही की ज़रुरत नहीं होती ,मगर हर एक बात जो ख़ुदा उन से कहता है उसकी ज़रुरत होती है –“
फिर शैतान यीशु को मंदिर के कंगूरे पर ले गया और उस से कहा ,”अगर तू खुदा का बेटा है तो ज़मीन पर छलांग लगा दे ,क्यूंकि लिखा है कि खुदा अपने फरिश्तों को हुक्म देगा कि तुझको हाथों हाथ उठालें और तेरे पांव को पत्थर से ठेस न लगने पाएं -“
मगर येसु ने वह नहीं किया जो शैतान उस से कराना चाहता था - बल्कि उस ने उस से कहा ,”खुदा हर एक से कहता है कि तू अपने खुदावंद खुदा की आज़माइश न कर”
फिर शैतान ने दुनया की तमाम सलतनतें और उनकी शान ओ शौकत दिखाई कि वह कितने ज़ोरावर और दौ लत्मंद थे - उस ने यीशु से कहा “अगर तुम झुक कर मुझे सिजदा करोगे तो यह सारी चीजें मैं तुम्हें दे दूंगा –“
यीशु ने उसको जवाब दिया ,”ऐ शैतान मुझ से दूर हो, क्यूंकि खुदा के कलाम में वह अपने लोगों को हुक्म देता है कि सिरफ़ अपने खुदावंद खुदा को सिजदा कर और उसको खुदा बतोर इज़्ज़त कर “-
यीशु शैतान के किसी भी आज़माइश में नहीं पड़ा ,सो शैतान उसे छोड़कर चला गया - फिर फ़रिश्ते आकर उसकी ख़िदमत करने लगे -
_मत्ती 4:1 -11 ; मरकुस 1 :12 -13 ; लूका 4 :1-13 से बाइबिल की एक कहानी- _