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11. फ़सह
खुदा ने मूसा और हारून को फ़िरोन के पास यह कहलाकर भेजा कि बनी इस्राईल को जाने दे – उनहोंने फ़िरोन को आगाह किया कि अगर वह बनी इस्राईल को जाने नहीं देता है तो ख़ुदा मिस्रियों के तमाम पह्लोठे बचचे यहाँ तक कि तमाम जानवरों के पह्लोठों को भी मार डालेगा – जब फ़िरोन ने यह बात सुनी तो वो अभी भी एत्काद करने और ख़ुदा की बात मानने से इनकार किया -
ख़ुदा ने पह्लोठे बचचों को बचाने का तरीका निकाला कि चाहे वह जो कोई भी हो वह ख़ुदा पर ईमान लाए – हर एक खानदान को एक बर्रे का चुनाव करना था और उसे मारना था -
ख़ुदा ने बनी इस्राईल से कहा कि बर्रे का खून लेकर अपने – अपने घरों के चौखट पर लगाए और उन्हें चाहिए था कि उस बर्रे के गोश्त को अख्मिरी रोटी के साथ भून कर खाए और जल्दी – जल्दी खाए – ख़ुदा ने उनसे यह भी कहा कि खाने के फ़ौरन बाद अपने खानदान समेत मिस्र से निकलने की तय्यारी करे -
बनी इस्राईल ने वही सब किया जो खुदा ने उन्हें करने के लिए कहा था –आधी रात को खुदावंद ख़ुदा ने पूरे मिस्र में घूम फिरकर मिस्रियों के तमाम पह्लोठों को मार डाला -
तमाम बनी इसराईल के घरों के चौखटों पर खून ही खून था ,सो खुदा उन के घरों को छोड़ता गया – घर के अन्दर रहने वाला हर कोई महफूज़ था –वह उस बर्रे के खून के सबब से बचाए गए थे -
मगर मिसरी लोग खुदा पर ईमान नहीं लाए थे न ही उसका हुक्म बजा लाए थे – सो खुदा उनके घरों को नहीं छोड़ा – खुदा ने तमाम मिस्रियों के घरों में जिनमें पह्लोठे बच्चे थे उन सब को मार डाला -
हरएक मिसरी जो क़ैद खाने में था उसके बेटे से लेकर फ़िरोंन के महल में जिन के पह्लोठे बेटे थे वह सब मर गए – सो नतीजा यह हुआ कि तमाम मुल्क–ए-मिस्र में रोने और मातम करने की आवाज़ गूंजने लगी – वह सारा खानदान शदीद ग़म्गीन और उदासीन था -
उसी रात को फ़िरोन ने मूसा और हारुन को बुलवाया और उनसे कहा “बनी इस्राईल को ले जाओ और जितनी जल्द हो सके मिस्र को छोड़ो “मिसरियों ने भी बनी इस्राईल से इसरार किया कि फ़ौरन मिस्र से निकल जाएं -
_ख़ुरूज 11:1 से 12:32तक बाइबिल की एक कहानी _