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6. खुदा इज़हाक़ के लिए शरीक –ए-हयात का इंतज़ाम करता है -
जब अब्रहाम बहुत ज़ियादा बूढ़ा हो गया तो इज़हाक़ जवान होने लगा था – सो अब्रहाम अपने नौकरों में से एक को बुलाकर अपने मुल्क में जहाँ उसके रिश्तेदार रहते थे भेजा कि उसके बेटे इज़हाक़ के लिए एक लड़की ढूंड कर ले आए ताकि उसकी बीवी बने -
एक लम्बा सफ़र तय करने के बाद अब्रहाम का नौकर उस मुल्क में जा पहुंचा जहाँ उसके रिश्तेदार रहते थे –खुदा ने उस नौकर को रिबेक़ा के घर की तरफ़ रहनुमाई की जहां वह अपने खानदान के साथ रहती थी –वह अब्रहाम के बड़े भाई की पोती थी -
रिबेक़ा को जब मालूम पड़ा कि अब्रहाम का नौकर अपने बेटे के लिए लड़की लेजाने के लिए आया है तो रिबेक़ा उस नौकर के साथ जाने के लिए राज़ी होगई – जैसे ही रिबेक़ा अब्रहाम के घर पहुंची जितना जल्द हो सकता था उतना ही जल्द इज़हाक़ ने उसके साथ शादी कर ली -
एक लम्बे अर्से के बाद अब्रहाम की मौत हो गई – फिर खुदा ने इज़हाक़ को बरकत दी इसलिए कि उसने अब्रहाम से मुआहदा बाँधा था इन मुआहदों में से एक वादा जो खुदा ने अब्रहाम से किया था वह था अनगिनत बेशुमार नसल मगर इज़हाक़ की बीवी रिबेक़ा के बचचे न हो सके थे -
मगर इज़हाक़ ने रिबेक़ा के लिए खुदा से दुआ की और खुदा ने रिबेक़ा के हक़ में इज़हाक़ की दुआ क़बूल की और वह हामिला हुई – उसके पेट में तवाम थे यानी जुड़वा बचचे – वह दोनों बच्चे पेट के अन्दर ही एक दूदरे से लड़ाई कर रहे थे तो रिबेक़ा ने ख़ुदा से पूछा कि मेरे पेट में यह क्या हो रहा है ?
खुदा ने रिबेक़ा से कहा “तुम दो बेटों को जन्म देने जा रही हो “ उन दोनों की नस्लें दो बड़ी मुख्तलिफ़ क़ौमें होंगी वह दोनों एक दूसरे के दुश्मन होंगे – वह दोनों आपस में लड़ेंगे – मगर जो क़ौम तेरे छोटे बेटे की होगी वह तेरे बड़े बेटे की क़ौम पर हावी हो जाएगी -
जब रिबेक़ा के बच्चे पैदा हुए थे तो बड़ा लाल रंग का और रुएं दार था यानी उसके पुरे जिस्म में बाल ही बाल थे , और उसका नाम एसाव रखा गया – फिर जब छोटा पैदा हुआ तो वह एसाव की एड़ी को पकड़ा हुआ था –उनहों ने उसका नाम याक़ूब रखा -
_पैदाइश 24 बाब की 1 से 25 और 26 बाब से बाइबिल की एक कहानी _