रसूलों से तालीम पाने में , एक दूसरे के लिए दुआ करने में ,एक साथ मिलकर खाना खाने में , मिलकर ख़ुदा की हम्द ओ सिताइश करने में, सब चीज़ों में शरीक होने में अपना वक़्त गुज़ारते थे -