वह शख़्स जो कलाम को सुनता है मगर वक़्त के गुज़रते दुनिया की फिक्रें , दौलत का फ़रेब (ज़िन्दगी की ख़ुशियाँ) कलाम को और ख़ुदा कि महब्बत को दबा देते हैं -