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यूसुफ (पुराना नियम)

तथ्य:

यूसुफ याकूब का ग्यारहवां और माता राहेल का पहला पुत्र था।

  • यूसुफ अपने पिता का प्रियतम पुत्र था।
  • उस कारण उसके भाई उससे डाह करते थे और उसे दास होने के लिए बेच दिया।
  • मिस्र देश में यूसुफ पर झूठा दोष लगाकर कारावास में डाल दिया गया।
  • सब कष्टों के उपरान्त भी यूसुफ परमेश्वर का निष्ठावान रहा।
  • परमेश्वर उसे मिस्र देश में अधिकार के दूसरे सर्वोच्च स्थान पर ले आया और जब भोजन कम था तब उसके द्वारा मनुष्यों को बचाया। मिस्र की प्रजा वरन यूसुफ का अपना परिवार भी भूखें मरने से बचाया गया।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: मिस्र, याकूब)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 08:02 यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने स्वप्न में देखा था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करे।
  • 08:04 और व्यापारी यूसुफ को मिस्र ले गए।
  • 08:05 यहाँ तक की बंदीगृह में भी यूसुफ परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहा और परमेश्वर ने उसे आशीष दी।
  • 08:07 परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह स्वप्न का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा।
  • 08:09 यूसुफ ने सात वर्ष अच्छी उपज के दिनों में भोजनवस्तुएँ इकट्ठा करने के लिये लोगों से कहा।
  • __09:02__मिस्र वासी अब यूसुफ को भूल गये थे और उन कार्यो को जो उसने उनकी सहायता करने के लिये किये थे।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3084, H3130, G2500, G2501