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जलन, ईर्ष्या

परिभाषा:

“जलन” और ईर्ष्या” का संदर्भ संबन्ध की शुद्धता को सुरक्षित रखने की प्रबल इच्छा से है। इन शब्दों में किसी वस्तु या मनुष्य के लिए अपनापन बनाए रखने की प्रबल इच्छा भी है।

  • इन शब्दों द्वारा मनुष्य के क्रोध को भी व्यक्त किया जाता है जो विवाह में विश्वासघाती रहा है।
  • बाइबल में इन शब्दों द्वारा प्रजा को शुद्ध रहने और पाप से कलंकित न होने की परमेश्वर की प्रबल इच्छा को भी दर्शाया गया है।
  • परमेश्वर अपने नाम के सम्मान एवं श्रद्धा के लिए भी ईर्ष्यालु है।
  • किसी की सफलता और ख्याति पर क्रोध को भी ईर्ष्या कहते हैं। * यह “डाह” के सामानान्त है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “जलन” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सुरक्षा की प्रबल इच्छा” या “अपनेपन की इच्छा”
  • “ईर्ष्या” का अनुवाद “सुरक्षा की प्रबल भावना” या “अपनेपन की भावना”
  • परमेश्वर के लिए जब इस शब्द का अनुवाद करें तो ऐसा प्रकट न हो कि परमेश्वर किसी से जलन रखता है।
  • मनुष्यों के प्रति मनुष्यों की क्रोधपूर्ण भावनाओं के संदर्भ में जब कोई सफल होता है तब “जलना” या “जलन” शब्दों का उपयोग किया जा सकता है। परन्तु ये शब्द परमेश्वर के लिए काम में न लें।

(यह भी देखें: ईर्ष्या)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H7065, H7067, H7068, H7072, G2205, G3863