hi_tq/pro/26/14.md

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जैसे किवाड़ अपनी चूल पर घूमता है वैसा कौन है?

जैसे किवाड़ अपनी चूल पर घूमता है वैसे ही आलसी अपनी खाट पर करवटें लेता है।