# उस वाणी ने नश्चर मनुष्य के बारे में क्या पूछा?
क्या नाशमान मनुष्य परमेश्वर से अधिक धर्मी हो सकता है? क्या मनुष्य अपने सृजनहार से अधिक पवित्र हो सकता है?