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मुख्य परिचारक ने क्या कहा जब उसने उस पानी को चखा जो दाखरस बन गया था?

मुख्य परिचारक ने कहा, “हर व्यक्ति पहले तो अच्छा दाखरस रखता है और फिर जब लोग नशे में हो जाते हैं तो ओछा वाला दाखरस। परन्तु तूने तो अच्छा दाखरस अब तक रखा हुआ है।”