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# यहोवा के मन्दिर में जब पत्थर पर पत्थर भी नहीं रखा गया था उससे पहले क्या हुआ था?
उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता तो दस ही पाता था; दाखरस के पचास बर्तनों की आशा से जाता तो बीस ही मिलते, यहोवा ने लोगों और उनके कामों को कष्ट से भर दिया।