यदि वो एक कंगाल मनुष्य है, तो वह जो उसका उधार बन्धक देता है वो अपने बन्धक पास रखे, सूर्य अस्त होते उसे वह बन्धक अवश्य फेर देना इसलिए कि वह अपना ओढ़ना ओढ़कर सो सके ।