hi_tq/1co/14/07.md

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जिस उपदेश को कोई व्यक्ति समझ नहीं सकता उसकी तुलना पौलुस किसके साथ करता है?

वह उसकी तुलना बाँसुरी या वीणा जैसे वाद्ययंत्रों के साथ करता है कि यदि वे विशिष्ट ध्वनियाँ उत्पन्न न करें तो क्या हो,और साथ ही यदि कोई तुरही अस्पष्ट स्वर उत्पन्न करे तो क्या हो।