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इसहाक ने तब एसाव को क्या आशीर्वाद दिया?

इसहाक ने कहा, "तेरा निवास उपजाऊ भूमि से दूर हो अपने भाई के अधीन हो पर जब तू स्वाधीन हो जायेगा, तब उसके जूए को अपने कंधों पर से तोड़ फेंके"।