जब कोई भाई निपुत्र मर जाए, उसके पति का भाई उसके मरे हुए भाई की विधवा को अपनी पत्नी कर ले ताकि वो पहला बेटा उस स्त्री से उत्पन्न हो वह उस मरे हुए भाई के नाम का ठहरा जाए।