पौलुस ने ऐसा लक्ष्य साधा था क्योंकि हम सबको मसीह के न्याय आसन के समक्ष उपस्थित होना है और अपने-अपने कामों का लेखा देना है, चाहे वे अच्छे हों या बुरे।