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जो मनुष्य स्वयं को पाप का दास होने के लिए दे देता है, उसका अन्त क्या होता है?

जो मनुष्य स्वयं को पाप का दास होने के लिए दे देता है, उसका अन्त मृत्यु है।

जो मनुष्य परमेश्वर का दास हो जाता है उसका फल क्या होता है?

जो मनुष्य स्वयं को परमेश्वर का दास होने के लिए दे देता है उसका फल धार्मिकता है।