hi_tq/luk/18/05.md

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# वह अपने मुद्दई के विरुद्ध न्याय की माँग करती रही।
उसने कहा, “क्योंकि यह विधवा मुझे सताती रहती है, इसलिए मैं उसका न्याय चुकाऊँगा, कहीं ऐसा न हो कि घड़ी\-घड़ी आकर अन्त को मेरी नाक में दम करे।”