# विश्वासियों की आवश्यकताएं कैसे पूरी होती थीं?
विश्वासियों का सब कुछ साझे का था, और जिनके पास सम्पत्ति थी उन्होंने उसे बेचा और उसका दाम लाकर प्रेरितों को दे दिया ताकि आवश्यकता के अनुसार उसे बाँट दिया जाए।