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कुछ जो शिष्यों का ठट्ठा कर रहे थे, उन्होंने क्या सोचा?

जो शिष्यों का ठठ्ठा कर रहे थे, उन्होंने सोचा कि वे नई मदिरा के नशे में हैं।