# जो स्वयं को भविष्यद्वक्ता या आत्मिक जन समझते हैं उन्हे किस बात को स्वीकार करना है?
पौलुस कहता है कि जो बातें वह कुरिन्थ की कलीसिया को लिखता है उन्हें वे प्रभु की आज्ञाएं मानें।