hi_ta/intro/gl-strategy/01.md

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इस लेख का मूल वर्ज़न http://ufw.io/gl/ पर उपलब्ध है

वर्णन

गेटवे भाषा कार्यप्रणाली का लक्ष्य 100 प्रतिशत जनसमूहों को तैयार करना है जो उस बाइबल अंश के द्वारा वैश्विक कलीसिया को बनाते हैं जिसे कॉपीरार्इट प्रतिबंधों के साथ अभिव्यक्त किया गया है और ऐसी भाषा में उपलब्ध करवाया गया है जिन्हे वे (वृहद तौर पर बातचीत के लिए उपयुक्त भाषा) अच्छे से समझते हों और उन्हे प्रतिबंधरहित अनुवाद प्रशिक्षण एवं सामग्रियाँ उपलब्ध कराएँ जिन्हे वे अपनी समझ में आने वाली भाषाओं (खुद की भाषाओं) में अनुवाद कर सकें. ‘‘गेटवे भाषाएँ’’ बड़े समुदाय में अधिकतर लोगो के द्वारा बोली जाने वाली आम भाषा है जिसके माध्यम से उसी भाषा को बोलने वाले द्वितीय स्तर के लोग इन सामग्रियों को पा सकें और अपनी भाषाओं में अनुवाद कर सकें।

सांसारिक स्तर पर ‘‘गेटवे भाषाएँ’’ भाषाओं की कम से कम संख्या को भी शामिल करती हैं जिनके द्वारा उस सामग्री को, द्विभाषीय वक्ताओं के माध्यम से, हर एक भाषा में उपलब्ध कराया जा सके. उदाहरण के तौर पर, फ्रेंच फ्रेंकोफोन अफ्रिका के एक अल्पसंख्यक समुदाय की एक गेटवे भाषा है जहाँ फ्रेंच में उपलब्ध सामग्री को द्वीभाषियों के द्वारा उनकी भाषा में अनुवाद कर उपलब्ध कराया जा सकता है।

अंतर्देशीय स्तर पर, एक देश की गेटवे भाषाओं में, वहाँ वृहद बातचीत में उपयोग की जाने वाली कुछ ही भाषाएँ होती हैं और ऐसे में हर अल्पसंख्यक भाषावादियों में द्वीभाषियों की जरूरत देश के लिए होती है (पलायनपरांत बसने वाले नही) जिनकी पहुँच वहाँ की सामग्रियों तक बन सके. उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी उत्तर कोरिया की गेटवे भाषा है और जिससे उत्तरी कोरिया के सारे निवासियों तक अंग्रेजी से उनकी भाषाओं में अनुवाद के द्वारा सामग्रियों को उन तक पहुँचाया जा सकता है।

प्रभाव

इस तरीके के दो प्रभाव है: पहला, संसार की हर भाषा में सामग्री की पहुँच के लिए उनके लेख और मदद के निर्देशों को तैयार कर लेने के बाद, हर भाषा को बल मिलता है कि वे अपनी भाषाओं में सामग्री को ‘‘खींच लें’’। दूसरा, चूँकि यह अनुवाद केवल गेटवे भाषाओं के अनुवाद का की निर्देश देता है, अनुवाद के संख्या पर नियंत्रण बना रहा है। दूसरी सारी भाषाएँ केवल बाइबल के भागों का अनुवाद कर सकती हैं क्योंकि कोर्इ भी भाषा अनुवाद के निर्देशों की समझ के लिए उन पर निर्भर नही रहेगी।