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पिछला अनुवाद जरूरी क्यों है?

पिछले अनुवाद का मकसद बाइबल के लेख की जाँच करने या जानकारी पाने वाले की लक्षित भाषा के अनुवाद को समझने में मदद करना है, यद्यपि उसे उस भाषा का ज्ञान न भी हो. अत: पिछले अनुवाद की भाषा ऐसी हो जिसे पिछला अनुवाद करने वाला और जाँचकर्ता दोनों अच्छी तरह से समझते हों. इसका अक्सर मतलब होता है कि पिछले अनुवादक को लेख का अनुवाद वृहद समुदाय में बोली जाने वाली उसी भाषा में करना है जिसका उपयोग स्रोत लेख में हुआ था.

कुछ लोगों को यह अनावश्यक लगे, क्योंकि स्रोत भाषा में बाइबल के लेख पहले से ही मौजूद होते हैं. परंतु याद रखें कि पिछले अनुवाद का मकसद क्या है: जाँचकर्ता की इस बात में मदद करना कि स्रोत भाषा अनुवाद में क्या है. मूलभूत स्रोत भाषा के अनुवाद को केवल पढ़ने से जाँचकर्ता नही समझ पाएगा कि स्रोत भाषा अनुवाद में क्या है. अत: पिछला अनुवादक एक नया अनुवाद पीछे की ओर बड़े समुदाय में बोली जाने वाली भाषा के लिए करे जो लक्षित भाषा अनुवाद पर ही आधारित हो. इसीलिए, पिछला अनुवादक अनुवाद करते वक्त मूल स्रोत लेख को नही देखे, वह केवल लक्षित भाषा लेख को देख सकता है. इस प्रकार, जाँचकर्ता किसी भी समस्या को ढ़ूँढ़ सकता है जो लक्षित भाषा में हो और अनुवादक के साथ मिलकर उसे सही कर सकता है.

पिछला अनुवाद, जाँचकर्ता के द्वारा अनुवाद की जाँच करने से पहले ही, लक्षित अनुवाद को विकसित करने में भी मदद कर सकता है. जब अनुवादक दल अनुवाद को पढ़ता है, तो वे समझ सकते हैं कि पिछला अनुवादक ने अनुवाद को कैसे समझा है. कभी कभार, पिछला अनुवादक अनुवाद को एक अलग तरीके से समझता है परंतु उसका अर्थ वास्तव में कुछ और होता है. ऐसे मामले में, वे अपना अनुवाद बदल सकते हैं जिससे अर्थ स्पष्ट हो सके और असली अर्थ समझ आ सके. जाँचकर्ता को देने से पहले, यदि अनुवादक दल इस प्रकार पिछला अनुवाद को इस्तेमाल कर सकते हैं, तो वे अपने अनुवाद में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं. ऐसा करने पर, जाँचकर्ता अपनी जाँच में गति ला सकते हैं क्योंकि अनुवादक दल ने अनुवाद की कर्इ कमियों को जाँचकर्ता से मिलने से पहले ही सही कर लिया होता है.