प्रेरितों के उपदेशों को सुनने, संगति करने, साथ मिल-कर भोजन करने, एक दूसरे के लिए प्रार्थना करने, साथ-मिल कर परमेश्वर की स्तुति-आराधना करने, और मिल-बाँटने में।