छः दिनों तक, हर दिन उन्होंने उस नगर का चक्कर लगाया, और फिर सातवें दिन उन्होंने सात और चक्कर लगाये। नगर का आखरी चक्कर लगाते समय सिपाहियों ने कोलाहल का बड़ा शब्द किया और याजकों ने तुरहियाँ फूँकीं।