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परमेश्वर के आंगनों में एक दिन किससे उत्तम है?

परमेश्वर के आंगन में एक दिन कहीं और के हज़ार दिनों से उत्तम है।

लेखक दुष्टों के डेरों में रहने की अपेक्षा परमेश्वर के भवन में क्या करना चाहता है?

उसे अपने परमेश्वर की डेवढ़ी पर खड़ा रहना दुष्टों के डेरों में वास करने से कहीं अधिक मनभावना लगता है।