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लेखक कहां परदेशी होकर रहा और बहुत समय से उसे कहां रहना पड़ा था?

लेखक कहता है कि उसे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा और बहुत समय केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा था।